फोटो 3- तेज धूप से परेशान पशु. प्रतिनिधि, भभुआ शहर मई महीने में ही गर्मी अपना पूरे तेवर दिखा रही है. तेज धूप ने आमलोगों का जनजीवन प्रभावित कर दिया हैं. लोगों को घर से बाहर निकलना ही मुश्किल हो रहा है. वहीं, गर्मी के कारण पशु पंछी भी परेशान हैं. चारा की तलाश में धूप में भटक रहे पशुओं को परेशानी हो रही है. ऐसे में किसानों को लू से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए. लू लगने की जानकारी होने पर उन्हें सबसे पहले पानी के गड्ढे में रखना चाहिए. पशुओं पर समय-समय में ठंडा पानी छिड़काव करना बेहतर उपाय है. अगर संभव है, तो पशुओं के शरीर में बर्फ और एल्कोहल का छिड़काव कर उन्हें राहत दी जा सकती है. वैसे पशुपालन विभाग ने पशुओं के बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें पशुओं को लू से बचाव के साथ ही लू के लक्षणों की जानकारी दी गयी है. एडवाइजरी के मुताबिक अगर किसी पशुपालक भाई के पशु को तीव्र ज्वर है, तो समझ लेना चाहिए कि पशु लू का शिकार हो गया है. इसके साथ ही पशु का मुंह खोल कर बार-बार हॉफना, मुंह से लार गिराना, पशु में बैचेनी और उसकी क्रियाशीलता में कमी, भूख में कमी और पानी अधिक पीना, पेशाब कम होना या बंद हो जाना, पशु की धड़कन तेज होना जैसी स्थित लू के लक्षण हैं. इन बातों का रखें ख्याल 1. पालतू पशु को छायादार वृक्ष के नीचे बांध कर रखें 2. दिनभर में पशु को चार-पांच बार पानी पिलाए 3. पशुओं को दिन में दो बार नहलाएं, हो सके तो स्प्रिंकल का प्रयोग करें 4. पालतू पशु को सुबह आठ बजे से शाम 4 बजे के बीच सिवान में चरने के लिए न भेजें 5.पशुशाला हवादार होना चाहिए
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