एनएच पर अवैध रूप से ही खड़े होते हैं ऑटो व यात्री बसप्रतिनिधि, पुसौली
कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पुसौली बाजार में राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर अवैध रूप से बस और ऑटो का स्टैंड संचालित किया जा रहा है, जिससे लगातार सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है. बाजार क्षेत्र में यात्री वाहनों का सीधे एनएच-19 पर रुकना न सिर्फ यातायात नियमों का उल्लंघन है, बल्कि आम लोगों की जान के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है. गौरतलब है कि बीते माह कुदरा अंचलाधिकारी ने पुसौली बाजार के एनएच-19 सर्विस रोड से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी. उस दौरान प्रशासन ने निर्देश दिया था कि सर्विस रोड का उपयोग ऑटो और बसों को खड़ा कर यात्रियों को बैठाने-उतारने के लिए किया जायेगा, ताकि मुख्य राजमार्ग पर यातायात बाधित न हो और दुर्घटनाओं की आशंका कम हो सके. लेकिन, कार्रवाई के कुछ ही दिनों बाद हालात फिर पुराने ढर्रे पर लौट आये हैं. स्थिति यह है कि सर्विस रोड पर फिर से ठेला-खोमचा, अस्थायी दुकानें और अन्य अतिक्रमण लग गये हैं. वहीं, बस और ऑटो चालक प्रशासन के निर्देशों की अनदेखी करते हुए सीधे एनएच-19 पर ही वाहन खड़े कर यात्रियों को बैठा और उतार रहे हैं. इससे तेज रफ्तार से गुजरने वाले भारी वाहनों को अचानक ब्रेक लगाना पड़ता है, जिससे हर समय बड़े हादसे का खतरा बना रहता है.एनएच-19 पर हादसे में जा चुकी है जान
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुसौली बाजार एनएच-19 पर एक व्यस्त पड़ाव है, जहां दिनभर यात्रियों की आवाजाही बनी रहती है. बाजार लगने के समय स्थिति और भी भयावह हो जाती है. सड़क के दोनों ओर ठेले, दुकानदार और खड़े वाहन यातायात को संकरा कर देते हैं. ऐसे में किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. हादसों का इतिहास भी चेतावनी देने वाला है. कुछ समय पहले एनएच-19 पर ही खड़ी एक यात्री बस में पीछे से तेज रफ्तार टेलर ने जोरदार टक्कर मार दी थी. इस दर्दनाक दुर्घटना में एक महिला की इलाज के दौरान वाराणसी में मौत हो गयी थी, जबकि आधा दर्जन से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इस घटना के बाद भी यदि सबक नहीं लिया जा रहा है, तो यह प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण माना जा सकता है.अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई केवल औपचारिकता बनकर रह गयी
स्थानीय लोगो का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई केवल औपचारिकता बनकर रह गयी है. कुछ दिनों तक सख्ती दिखायी जाती है, लेकिन बाद में न तो निगरानी होती है और न ही दोबारा अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई. परिणामस्वरूप, हालात फिर जस के तस हो जाते हैं. लोगों ने मांग की है कि प्रशासन स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाये. सर्विस रोड को पूरी तरह अतिक्रमणमुक्त कर वहां स्पष्ट रूप से बस और ऑटो स्टैंड चिह्नित किया जाए. साथ ही एनएच-19 पर वाहन खड़े करने वालों के खिलाफ नियमित जांच अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जाए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

