फोटो कैप्शन- 13 जीटी रोड पर रोशनी जलाकर चलते वाहन- दुर्गावती प्रखंड में रात से ही घने कोहरे व ठंड से लोग काफी परेशान ठिठुरन व धुंध से बाजार व खेती पर पड़ा असर कर्मनाशा. दुर्गावती प्रखंड का पूरा इलाका पिछले कई दिनों से घने कोहरे की चादर में लिपटा हुआ है. धुंध इतनी घनी है कि एक दो मीटर की दूरी पर भी लोग एक दूसरे को दिखायी नहीं दे रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर जीटी रोड पर देखने को मिल रहा है, जहां वाहन चालक कछुए की चाल चलने को मजबूर हो गये हैं. जीटी रोड पर जगह जगह वाहनों के चक्के थम जा रहे हैं. सुबह 8 बजे के बाद ही वाहनों का आवागमन धीरे धीरे शुरू हो पा रहा है. कोहरे के कारण जीटी रोड पर आवागमन करना बेहद मुश्किल हो गया है. दिन में भी वाहन चालक लाइट जला कर चलने को मजबूर हैं. घने कोहरे का प्रकोप शनिवार से क्षेत्र में लगातार बना हुआ है. सोमवार की रात कर्मनाशा के पास घने कोहरे में वाहन आपस में भिड़ गये. हालांकि इस घटना में किसी को चोट नहीं आयी और वाहनों को भी मामूली नुकसान हुआ. कड़ाके की ठंड से लोग घरों में दुबक कर सूर्य देव के निकलने का इंतजार करने को मजबूर हो गये. मंगलवार को दोपहर बाद करीब एक घंटे के लिए सूर्य भगवान के दर्शन हुए, जिसके बाद लोग घरों से निकलकर अपनी दिनचर्या शुरू कर सके. इसके पहले सुबह 10 बजे तक लोग गर्म कपड़ों में लिपटे रहे. बताया जाता है कि दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र में रात से ही घने कोहरे व गलन का प्रकोप शुरू हो जाता है, जिससे ठंड से लोग काफी परेशान हो गये हैं. गहरी धुंध व ठिठुरन बढ़ने के साथ ही तापमान भी काफी नीचे लुढ़क गया है. मौसम के बदलते मिजाज के चलते आम लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. लोग अपने कार्य सिद्ध करने के लिए रणनीति बनाते हैं, लेकिन मौसम का मिजाज उनके हर दांव पर पानी फेर दे रहा है. बढ़ती धुंध व ठिठुरन के कारण बाजारों में चहल कदमी भी कम दिखाई दे रही है. बाजारों में जगह जगह लोग अलाव जलाकर ठंड से निजात पाने में जुटे हुए हैं. मौसम की मार से पशु पक्षियों की स्थिति भी दयनीय हो गयी है. शाम ढलते ही ये बेजुबान अपने छुपने का ठिकाना तलाशने लगते हैं. घने कोहरे के कारण जीटी रोड पर चलने वाले मालवाहक वाहन भी कछुए की गति से चलने को मजबूर हैं. रात से ही कोहरा छा जाने के कारण वाहनों के चक्के थम जा रहे हैं. सुबह होने के बाद भी जब कोहरा नहीं छंटता है तो चालक लाइट जला कर बेहद धीमी गति से वाहन चलाते हैं, जिससे समय पर माल गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहा है. घने कोहरे व ठिठुरन का असर खेती किसानी पर भी पड़ रहा है. कई किसानों का धान अभी खेतों में ही पड़ा हुआ है, जिससे उनकी चिंता बढ़ गयी है.
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