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भभुआ मंडलकारा में फंदा लगाकर संदिग्ध परिस्थिति में कैदी की मौत

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाला था कैदी,छह महीने पहले अवैध रूप से कफ सिरफ ले जाने के दौरान पकड़ा था उत्पाद थाना

भभुआ कार्यालय. बुधवार की शाम भभुआ मॉडल कार में संदिग्ध परिस्थिति में फांसी लगाकर एक कैदी की मौत हो गयी. उक्त कैदी का नाम नक्शे अली बताया जाता है. वह मुरादाबाद जिले के मैनदिर थाना अंतर्गत बड़हेरा गांव के रहने वाले मोहम्मद तय्यब हुसैन का बेटा नक्शे अली बताया जाता है. वह छह महीने पहले अवैध तरीके से कफ सिरप उत्तर प्रदेश से बिहार लाने के दौरान उत्पाद पुलिस के द्वारा पकड़ा गया था और पिछले 6 महीने से भभुआ मॉडल कार में बंद था. उसकी मौत को लेकर जेल अधीक्षक संदीप कुमार ने बताया कि बुधवार की शाम लगभग 5:00 बजे उन्हें सुरक्षा कर्मियों द्वारा यह सूचना दी गयी थी एक कैदी द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया गया है. इसके बाद उसे तत्काल गंभीर स्थिति में इलाज के लिए मेरे द्वारा सदर अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गयी. उन्होंने बताया कि कल ही यानी मंगलवार को उसका हाइकोर्ट से जमानत खारिज होने के कारण वह काफी डिप्रेशन में था, जिसके कारण वह गमछा से फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया. जिसे सुरक्षाकर्मियों द्वारा देख लिया गया. इसी क्रम में जब उसकी सांस चल रहा था, तो उसे गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल भेजा गया जहां उसकी मौत हो गयी है. = मृत कैदी के हाथ के कलाई व गले में पाया गया निशान अमृत कैदी नक्शे अली के हाथ के कलाई एवं गले में निशान पाये गये हैं. वहां मौजूद लोगों द्वारा यहां आशंका जतायी जा रही थी कि उसके हाथ के कलाई व गले पर रस्सी के निशान हैं हालांकि हाथ के कलाई पर रस्सी के निशान के बाबत पूछे जाने पर जेल अधीक्षक संदीप कुमार ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है, उसके हाथ के कलाई पर कोई रस्सी का निशान नहीं है, बल्कि उसे इलाज के लिए ले जाने के क्रम में दबाव पड़ने से हाथ के कलाई पर निशान हो गया होगा. उसके द्वारा आत्महत्या का ही प्रयास किया गया है, जिस क्रम में हमारे सुरक्षाकर्मियों ने उसे देख लिया और उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया जहां उसकी मौत हो गयी. = सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया मरा हुआ आया था कैदी सदर अस्पताल के चिकित्सक कमलेश कुमार ने बताया कि उक्त कैदी का इलाज सदर अस्पताल में नहीं हुआ है, वह जब आया तो वह मरा हुआ था. इधर जेल अधीक्षक संदीप कुमार ने बताया कि उसे गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गयी. जेल अधीक्षक के मुताबिक कैदी की सदर अस्पताल में मौत हुई है, जबकि ड्यूटी में तन चिकित्सक ने स्पष्ट रूप से बताया कि कैदी मरा हुआ ही सदर अस्पताल में आया था = घटना की सूचना पर पहुंचे एसडीएम व एसडीपीओ उक्त घटना की सूचना जैसे ही स्थानीय भभुआ थाने को मिली उसके तत्काल बाद एसडीपीओ शिव शंकर कुमार एसडीएम अमित कुमार भभुआ थानेदार मुकेश कुमार घटनास्थल पर पहुंच गए और शव के निरीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई में जुट गये . = घटना के बाद जेल का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा सदर अस्पताल जेल के अंदर इतनी बड़ी घटना के बाद जब चिकित्सकों द्वारा उक्त कैदी के मौत की पुष्टि की गयी. उसके बाद से कोई भी जेल का अधिकारी सदर अस्पताल नहीं आया. खबर लिखे जाने करीब 8:00 बजे तक जेल अधीक्षक या जेलर सहित कोई भी जेल का वरीय अधिकारी सदर अस्पताल में घटना के बाद उपस्थित नहीं पाया गया. यह भी लोगों के बीच चर्चा का विषय था, लोगों का कहना था कि जेल के अंदर इस तरह की गंभीर घटना घटित होने के बावजूद जेल प्रशासन की तरफ से किसी भी अधिकारी का सदर अस्पताल में नहीं होना आश्चर्य का विषय है. जेल के तरफ से कैदी को लेकर आए दो जवान व एक चिकित्सा कर्मी है वहां रात आठ बजे तक मौजूद थे = पोस्टमार्टम रिपोर्ट और इंक्वारी के बाद ही मौत के कारण का चल सकेगा पता: एसपी हरिमोहन शुक्ला ने बताया कि उप घटना हिरासत में मौत का मामला है. इसमें न्यायिक जांच एवं दंडाधिकारी के जात के साथ-साथ मेडिकल बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम करने का प्रावधान है. इसके रिपोर्ट मानवाधिकार को भेजी जायेगी. उक्त जांच एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण एवं इसके बाबत कुछ बताया जा सकता है, अभी हिरासत में मौत के मामले में जो भी नियम है उसके अनुसार कार्रवाई की जा रही है.

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