मशरूम की तीन किस्मों से सालभर बढ़ सकती है आमदनी
प्रतिनिधि, भभुआमंगलवार को जिले से चयनित मशरूम उत्पादकों के दल को मशरूम की उन्नत खेती की प्रैक्टिकल जानकारी देने के लिए भ्रमण पर रवाना किया गया. इसके पहले जिला कृषि भवन सभागार में उद्यान विभाग कैमूर के तत्वावधान में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें लगभग 110 महिला और पुरुष किसानों ने भाग लिया. कार्यशाला में इच्छुक किसानों को मशरूम उत्पादन की विभिन्न विधियों और उपयुक्त समय की जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण सत्र के बाद किसानों को बस से कैमूर के बघनी स्थित मशरूम उत्पादन यूनिट भेजा गया. यहां किसान किशोर कुणाल के यूनिट पर किसानों को खेती के विभिन्न पहलुओं, समय चक्र और बेहतर उत्पादन की भौतिक जानकारी दी गयी. जिला उद्यान पदाधिकारी अभय कुमार गौरव ने बताया कि वर्तमान में जिले के लगभग 250 किसान मशरूम उत्पादन कर रहे हैं. उन्हें सरकार द्वारा 75 से 90 प्रतिशत अनुदान पर मशरूम कीट उपलब्ध कराये जा रहे हैं. प्रशिक्षण कार्यशाला में किसानों को बताया गया कि वे सालभर मशरूम की अलग-अलग किस्मों की खेती कर सकते हैं. सितंबर से नवंबर तक ढिगरी मशरूम, इसके बाद फरवरी-मार्च तक बटन मशरूम और फिर मिल्की मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है, जो जून-जुलाई तक चलता है. किसानों को खाने योग्य और जहरीले मशरूम की पहचान, बीज उत्पादन, कंपोस्ट तैयार करने की विधि, वातावरण नियंत्रित करने की तकनीक और लागत-आय का ब्योरा भी दिया गया.
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