भभुआ शहर. प्रखंड़ क्षेत्र में किसान धान का बीज डालने के लिए खेतों को तैयार करने में लग गये हैं, जहां किसान खाद-बीज का इंतजाम करने के साथ ही धान की नर्सरी तैयार करने के लिए खेत की जुताई का कार्य शुरू कर दिये हैं. धान की बीज डालने का सही समय रोहिणी नक्षत्र माना जाता है, जबकि 25 मई से रोहिणी नक्षत्र का आगमन हो जायेगा. जबकि, धान की नर्सरी उसकी रोपनी से कम से कम बाइस से पच्चीस दिन पहले डाली जाती है. कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो खेती में जितनी तैयारी के साथ समय से नर्सरी डाली जाती है और रोपनी का कार्य किया जाता है, पैदावार भी उतनी ही अच्छी होती है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि खेत में नर्सरी डालने से पहले उसकी सिंचाई कर ली जानी चाहिए, ताकि खेत में तरह-तरह के घास-फूस उग आएं. साथ ही घास होने के बाद खेत को दो-तीन बार जुताई करनी चाहिए, जिससे नर्सरी के साथ घास फिर से न उग पाये.
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