भभुआ. जिले में मनरेगा से बनाये जाने वाले 170 खेल मैदानों में से 15 खेल मैदानों के निर्माण में लफड़ा फंस गया है. कहीं वन भूमि का पेच, तो कहीं ग्रामीणों का आपसी विवाद, तो कहीं भूमि विवाद की समस्या सामने आयी है. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेल-कूद से जुड़े प्रतिभाओं को निखारने और खेल के मैदान की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार ने मनरेगा योजना से खेल मैदानों के निर्माण का क्रियान्वयन शुरू कराया था. इसके तहत जिले की 146 पंचायतों में से 133 पंचायतों में 170 खेल मैदानों के लिए जमीन चिह्नित कर निर्माण कार्य जनवरी माह में ही शुरू करा दिया गया था. लेकिन, इधर मिली जानकारी के अनुसार अब इन 170 खेल मैदानों में से काम शुरू कराने के बाद ग्रामीणों के विरोध और अन्य कारणों से 15 खेल मैदानों का निर्माण बीच में ही रोक दिया गया है, जिनमें अधौरा प्रखंड के खामकला गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के परिसर में बनने वाला खेल मैदान भी शामिल है, जो वन प्रक्षेत्र के सेंचुरी एरिया में वन भूमि के कारण रोक दिया गया है. मालूम हो इसके पहले कई पथों का निर्माण भी वन भूमि में पड़ने के कारण बाधित हो चुका है. वहीं, अब नया नंबर खेल मैदान का आया है. इसी तरह भभुआ प्रखंड की दुमदुम पंचायत के ग्राम ढठनियां के प्राथमिक विद्यालय के परिसर में बन रहे खेल मैदान और कुदरा प्रखंड की बहेरा पंचायत के ग्राम बरना के विद्यालय में बनाया जा रहा खेल मैदान ग्रामीणों के आपसी विवाद के कारण ग्रामीणों द्वारा रोक दिया गया. इसी तरह चैनपुर के मेढ़ गांव में बनने वाले खेल मैदान का निर्माण धार्मिक न्यास की भूमि होने के कारण रोक दिया गया है. गौरतलब है कि जिले में बनाये जाने वाले 170 खेल मैदानों के निर्माण पर सरकार द्वारा 16 करोड़ 45 लाख रुपये खर्च किये जाने थे. इन खेल मैदानों पर सरकार फुटबॉल मैदान सहित बॉलीवाॅल कोर्ट तथा युवकों के लंबाई बढ़ाने के उद्देश्य से बास्केटबॉल कोर्ट का भी निर्माण करा रही है. = समझाने-बुझाने के प्रयास के बाद थक कर प्रशासन ने भी निर्माण बंद करने का लिया फैसला इधर, 15 खेल मैदानों के बाधित निर्माण को जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को खेल मैदानों की महत्ता बताते हुए समझाने का भरपूर प्रयास किया गया. बावजूद इसके ग्रामीणों द्वारा निर्माण नहीं कराने पर अडिग रहने के कारण इन खेल मैदानों का निर्माण पूरी तरह रोक दिया गया है. इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि जिले में 17 खेल मैदानों का निर्माण ग्रामीणों के विरोध तथा विभिन्न कारणों से रोक दिया गया था. इसे लेकर जिला प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर खेल मैदानों के निर्माण को लेकर ग्रामीणों को समझाने का काफी प्रयास किया गया कि सरकार की ऐसी योजना पहली बार आयी है, जिसका लाभ ग्रामीणों को जरूर उठाना चाहिए. लेकिन, समझाने बुझाने के प्रयास के बाद 17 जगह बाधित निर्माण में से दो जगह के ग्रामीण तो खेल मैदान का निर्माण कराने के लिए तैयार हो गये, जबकि 15 जगह के ग्रामीण खेल मैदान का निर्माण नहीं कराने पर अडिग थे, जिसके बाद डीएम के निर्देश पर इन 15 खेल मैदानों का निर्माण कार्य अब बंद करा दिया गया है. निर्माण कार्य बंद किये गये खेल मैदानों का ब्योरा प्रखंड गांव अधौरा खामकला भभुआ ढढनियां भभुआ कुकराढ भभुआ खनेठी भगवानपुर भैरोपुर भगवानपुर चुआं चैनपुर बीउर चैनपुर इसिंयां चैनपुर मेढ चैनपुर उदयरामपुर चांद किलनी दुर्गावती पचलिखी कुदरा बरना रामगढ बडौरा रामगढ महुअर इन्सेट 13 पंचायतों में खेल मैदान के निर्माण का रास्ता हुआ साफ भभुआ. जिले में 15 खेल मैदानों का निर्माण बाधित होने के बाद जिले के छुटे हुए 13 ग्राम पंचायतों में खेल मैदानों के निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है. निर्माण को लेकर ग्रामीण प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं. गौरतलब है कि जिले की 146 पंचायतों में से 13 पंचायतों में खेल मैदान का निर्माण रोक दिया गया था. क्योंकि, प्रथम चरण में 170 खेल मैदानों का निर्माण ही कराया जाना था, जो 133 पंचायतों में ही पूरा हो चुका था. लेकिन, इधर, 15 खेल मैदानों का निर्माण बाधित होने के बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा संजय कुमार ने बताया कि पहले जो 13 पंचायतों में निर्माण कार्य नहीं कराना था. अब अगर ग्रामीण चाहे तो उन पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण कराया जा सकता है. रूचि रखने वाले ग्रामीण अपने प्रखंड के मनरेगा कार्यालय से तथा सीधे मेरे मोबाइल नंबर 9801178966 पर भी संपर्क कर सकते हैं.
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