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कैमूर में एनएच-19 से मार्किंग व सांकेतिक बोर्ड गायब

सड़क सुरक्षा पर खतरा. दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा

–कैमूर के हाइवे पर उतरी लेने में मार्किंग, दक्षिणी लेने में गायब -सड़क दुर्घटना रोकने के लिए मार्किंग व सांकेतिक बोर्ड महत्वपूर्ण दो दिन पहले बस-ट्रक टक्कर में गई थी जान फोटो कैप्शन 7-टोल प्लाजा व सड़क पर नहीं दिख रही लाइनें. प्रतिनिधि, कर्मनाशा सड़क सुरक्षा और कुशल यातायात प्रबंधन के लिए हाइवे पर मार्किंग और संकेतिक बोर्ड बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. ये चालकों को सही दिशा-निर्देश, चेतावनी और आवश्यक जानकारी प्रदान करते हैं. इससे दुर्घटनाओं का खतरा कम होता है और यात्रा सुलभ बनती है. लेकिन दिल्ली-कोलकाता को जोड़ने वाली एनएच 19 (जीटी रोड) पर कैमूर जिला अंतर्गत सिक्स लेन सड़क पर यूपी से बिहार आने वाले लेन में मार्किंग की गयी है, जबकि बिहार से यूपी जाने वाले लेन में अब तक मार्किंग नहीं की गयी है. वहीं, सिक्स लेन पर आवश्यक स्थानों पर संकेतिक बोर्ड भी नहीं लगाये गये हैं. इस कारण चालकों को सही दिशा-निर्देश और चेतावनी नहीं मिल पाती है. जबकि इस सड़क पर आए दिन हादसे हो रहे हैं. इसके बावजूद एनएचआई अधिकारी इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. 13 वर्षों से चल रहा है विस्तार कार्य गौरतलब है कि वाराणसी-औरंगाबाद सिक्स लेन विस्तार का कार्य लगभग 13 वर्षों से चल रहा है. कई बार कार्य अवधि बढ़ाई गयी, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ. एनएचआइ का दावा था कि जून 2025 तक सिक्स लेन का कार्य पूरा हो जायेगा. मुख्य सड़क का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन सर्विस रोड और पुल-पुलियों का निर्माण कई जगह अधूरा है. विशेषज्ञों के अनुसार, सड़क पर खींची गयी लाइनें लेन को परिभाषित करती हैं. इससे वाहन सही लेन में चलते हैं और यातायात व्यवस्थित रहता है. यह वाहनों के बीच सुरक्षित दूरी बनाये रखने में मदद करती है और गलत दिशा में गाड़ी चलने से रोकती है. वहीं, चेतावनी बोर्ड मोड़, निर्माण कार्य या गति सीमा जैसे नियमों की जानकारी देकर हादसों की आशंका कम करते हैं. हादसों का सिलसिला जारी सड़क पर मार्किंग और बोर्ड की कमी के कारण जीटी रोड पर हादसों में लगातार इजाफा हो रहा है. दो दिन पहले दुर्गावती प्रखंड अंतर्गत कुल्हड़िया मोड़ के पास बस और ट्रक की भीषण टक्कर हो गयी. इसमें एक तीर्थयात्री की मौत हो गयी और 10 घायल हो गये. इस जगह से भारी संख्या में वाहन फैक्ट्रियों और रेलवे ओवरब्रिज के रास्ते गुजरते हैं, लेकिन यहां भी कोई संकेतिक बोर्ड नहीं लगा है. इसी तरह डहला पुल पर रेलिंग टूटी होने से कई वाहन अब तक पलट चुके हैं. वहां भी चेतावनी बोर्ड की जरूरत है. यूपी-बिहार बॉर्डर से लेकर टोल प्लाजा तक कई स्थानों पर बोर्ड और मार्किंग नहीं होने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. डिङखिली टोल प्लाजा पर भी 16 लेन का विस्तार हो रहा है, लेकिन वहां सड़क पर लाइनें नहीं खींची गयी हैं. कार्य प्रगति पर होने के बावजूद ऐसी जगहों पर लाइनों का होना अति आवश्यक है, अन्यथा दुर्घटनाओं का खतरा बना रहेगा. क्या कहते हैं अधिकारी इस संबंध में एनएचएआइ के सहायक प्रबंधक (यातायात) केडी मौर्य ने बताया कि फिलहाल सड़क का मुख्य कार्य पूरा हो गया है. मार्किंग और संकेतिक बोर्ड लगाने की प्रक्रिया जारी है. कार्य पूरा होने की समयसीमा जल्द संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेकर बतायी जायेगी.

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