10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अनदेखी: कैमूर के तीन प्रखंडों के 120 गांवों में नहीं पहुंची बिजली, हजारों लोग मोबाइल व टीवी से दूर

मोहनिया सदर: सरकार खास कर नक्सलग्रस्त क्षेत्रों का विकास कर वहां के लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया करा लोगों के दिलों से नक्सलियों का खौफ निकालने व विकास कार्यों को बढ़ावा देना चाहती है. इसके लिए बिजली, पानी, सड़क, विद्यालय, अस्पताल सहित सभी सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत है. लेकिन इसको धरातल पर किस हद […]

मोहनिया सदर: सरकार खास कर नक्सलग्रस्त क्षेत्रों का विकास कर वहां के लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया करा लोगों के दिलों से नक्सलियों का खौफ निकालने व विकास कार्यों को बढ़ावा देना चाहती है. इसके लिए बिजली, पानी, सड़क, विद्यालय, अस्पताल सहित सभी सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत है.

लेकिन इसको धरातल पर किस हद तक उतारा गया है इसके लिए हम आप को कैमूर की पहाड़ी व कुछ मैदानी भागों में ले चलते है, जहां आजादी के सात दशक बाद भी बिजली की रोशनी नहीं पहुंच सकी है. हम पहले बात करते है. जिला के सबसे नक्सलग्रस्त प्रखंड अधौरा का, भभुआ मुख्यालय से लगभग 56 किमी की दूरी पर कैमूर पहाड़ी की वादियों में स्थित इस प्रखंड के 103 गांवों में आज तक बिजली नहीं पहुंच सकी है. भगवानपुर प्रखंड का एक व चैनपुर प्रखंड का 16 गांव अभी भी बिजली की रोशनी से कोसों दूर है.

आधुनिक युग में बिजली का है विशेष महत्व: आज के इस इंटरनेट युग में बिजली का सबसे बड़ा योगदान है. इसके बिना दूर संचार उपकरण मोबाइल, कंप्यूटर हो या अन्य साधन सभी को चार्ज करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है. इसका सबसे सस्ता व आसान विकल्प बिजली है. बिजली के अभाव में उक्त गांवों के काफी लोग आज भी मोबाइल सेवाओं से वंचित है. न तो पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छा नेटवर्क मिल पाता है और न ही बिजली के अभाव में मोबाइल को चार्ज किया जा सकता है. कुछ सम्पन्न लोग जिनके पास बड़े वाहन है, वे वाहनों की बैटरी से मोबाइल चार्ज कर लेते हैं. इस इलाके के हजारों लोग आज भी टेलीविजन से दूर व रेडियो पर निर्भर है.

गांवों तक नहीं पहुंची बिजली: ग्रामीण विद्युतीकरण के अंतर्गत हर गांवों में बिजली पहुंचाने का जिम्मा एक कंपनी को दिया गया था, जिसने इस महत्वाकांक्षी कार्य की गति को इतना कम कर दिया कि लगभग छह माह बाद भी गांवों तक बिजली नहीं पहुंच सकी. ऐसी स्थिति में हर घर बिजली व 24 घंटा लोगों को बिजली दिये जाने के सरकार के वादों को पंगु बना दिया गया है. हालांकि, विभागीय सूत्रों की माने तो विभाग इस कंपनी पर हर तरह का शिकंजा कसने की तैयारी में है. इसमें वन विभाग की भूमि के चलते विद्युतीकरण में अड़चने आने की बात सामने आ रही है.

डेढ़ वर्ष में बिजली विभाग की उपलब्धियां

यदि हम जनवरी 2015 के आकड़ों पर नजर डालें तो जिला के 11 प्रखंडों के 629 गांवों में बिजली नहीं पहुंच सकी थी. इसमें जिला मुख्यालय का भभुआ व मोहनिया अनुमंडल के मोहनिया प्रखंड के कई गांव शामिल थे. उस समय कोई ऐसा प्रखंड नहीं था, जिसके सभी गांवों में बिजली पहुंची हो. जनवरी 2015 के आंकड़ों पर नजर डाले तो अधौरा प्रखंड के 129, भभुआ 109, भगवानपुर 38, चैनपुर 49, चांद 23, दुर्गावती 43, कुदरा 42, मोहनिया 55, रामगढ़ 35, रामपुर 62 व नुआंव में 44 गांव ऐसे थे, जहां बिजली नहीं पहुंच सकी थी. लेकिन, इस डेढ़ वर्ष में बिजली विभाग ने युद्ध स्तर पर कार्य को किया और 509 गांवों में बिजली पहुंचा दी.

क्या कहते हैं अधिकारी

एसडीओ पावर प्रोजेक्ट अखिलेश कुमार ने बताया कि तीन प्रखंडों के 120 गांवों में अभी बिजली नहीं पहुंच सकी है. जिस कंपनी को जिम्मा मिला था उसे अक्तूबर 2016 तक कार्य पूर्ण करना था. लेकिन, उसने शिथिलता बरती. उस पर विभागीय कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है. शेष गांवों में भी बिजली पहुंचाने का कार्य चल रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें