भभुआ कार्यालय : आखिरकार दो सालों के इंतजार के बाद बंगाली दंपती की मन्नत पूरी हुई और 12 सालों से बंगाल के रहनेवाले देवब्रत मजूमदार व महुआ मजूमदार की सूनी गोद सोमवार को भर गयी. साथ ही पांच दिनों से भभुआ में रहकर बच्चा गोद लेने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे उक्त दंपती को प्रभात खबर सहित स्थानीय लोगों को सहयोग एवं डीएम की पहल पर सोमवार को मन्नत उर्फ जीरिया नामक बच्ची को दत्तक ग्रहण संस्थान के सहायक निदेशक संतोष कुमार चौधरी द्वारा सारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद सौंप दिया.
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डीएम की पहल पर बंगाली दंपती की पूरी हुई ख्वाहिश
भभुआ कार्यालय : आखिरकार दो सालों के इंतजार के बाद बंगाली दंपती की मन्नत पूरी हुई और 12 सालों से बंगाल के रहनेवाले देवब्रत मजूमदार व महुआ मजूमदार की सूनी गोद सोमवार को भर गयी. साथ ही पांच दिनों से भभुआ में रहकर बच्चा गोद लेने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे उक्त दंपती […]
जैसे ही देवब्रत मजूमदार की पत्नी महुआ मजूमदार को सहायक निदेशक द्वारा बच्चा सौंपा गया, वैसे ही उनके चेहरे खिल उठे. ऐसा लगा जैसे गोद में हंस रही पांच माह की मन्नत ने उक्त दंपती की सारी मन्नत पूरी कर दी हो.
बंगाली दंपती को बच्ची मिलने के बाद एसडीओ ने खिलायी मिठाई : बंगाली दंपती को बच्ची मिलने के बाद समाहरणालय के अधिकारियों द्वारा स्वयं मिठाई मिलाकर जहां दंपती को खिलाया गया वहीं समाहरणालय के कर्मियों के बीच भी मिठाई वितरण किया गया. एसडीओ जनमेजय शुक्ला ने देवब्रत मजूमदार को मिठाई खिलाया. वहीं डीएम के ओएसडी, ट्रेजरी ऑफिसर सहित अन्य लोग उसके साथ तस्वीर खिंचवाये एवं बच्ची की उज्वल भविष्य की कामना की.
बिहार के लोग इतने मददगार होंगे, हमने कभी नहीं सोचा था : उक्त मामले में बंगाल के मजूमदार दंपती ने कहा कि बिहार के विषय में पहले बहुत सारी बातें सुनी थी. लेकिन, यहां के लोग इतने मददगार होंगे इस बात को हमने कभी नहीं सोचा था. एक आदमी ने बच्ची देने के एवज में घुस मांगा. लेकिन, दर्जनों लोग हम परदेशी लोगों के लिए खड़े हो गये और हमारी मदद करने में जुट गये.
खासबात यह कि पांच दिनों से हमारे साथ रहकर मदद करते रहे. यहां तक कि मीडिया व स्थानीय लोग के अलावे डीएम सहित अन्य अधिकारियों ने जितना सहयोग किया उसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी.
बाल संरक्षण इकाई के किसी व्यक्ति ने नहीं मांगी घूस
बच्चा सौंपने के बाद बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक संतोष चौधरी ने कहा कि हमारे विभाग के किसी अधिकारी व कर्मी द्वारा घुस नहीं मांगा गया है. जो आरोप लगाये गये वह सभी निराधार व गलत है. किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा घुस मांगा गया इसके लिए हम या हमारा दफ्तर जिम्मेदार नहीं है. हमने सारी कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के बाद बच्चा सौंपा है.
प्रभात खबर ने प्रमुखता से बच्चा देने के एवज में घूस मांगे जाने की बात को किया था प्रकाशित
प्रभात खबर द्वारा बीते 25 अगस्त के अंक में बंगाली दंपती से बच्चा देने के एवज में डेढ़ लाख रुपये घुस लिये जाने की खबर को ”बच्चा गोद लेने आया दंपती दर-दर की खा रहा ठोकर, घुस में मांगे रुपये” शीर्षक से छापा था.
वहीं उक्त मामला जब प्रभात खबर द्वारा डीएम नवल किशोर चौधरी के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल बच्ची को गोद देने के लिए सारी कागजी कार्रवाई युद्धस्तर पर पूरा करने का निर्देश बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक को दिया था.
आंखों में आंसू लिये प्रभात खबर, डीएम सहित सभी को दिया धन्यवाद
बच्चा मिलने के बाद चेहरे पर खुशी के साथ-साथ मजूमदार दंपती के आंखें खुशी से भर आयी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से यहां आने के बाद बच्चा देने के एवज में डेढ़ लाख रुपये घूस की मांग की गयी. उससे हमलोग नहीं उम्मीद हो गये और हमें ऐसा लगा कि कागजी कार्रवाई में उलझा कर मुझे बच्चा नहीं दिया जायेगा.
लेकिन, इसी बीच जिस तरह से प्रभात खबर एवं स्थानीय लोगों द्वारा धीरज रखने एवं हर संभव मदद करने का भरोसा देते हुए मामला डीएम तक पहुंचाया गया और डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिस तरह से यह वचन दिया कि सारे कागजात सही होने पर बगैर किसी रिश्वत के सोमवार की दोपहर उन्हें बच्ची सौंप दी जायेगी और उनके वादे के अनुसार हमें बच्ची सोमवार की दोपहर मिल गयी. इसके लिए हम कैमूर के डीएम नवल किशोर चौधरी को विशेष रूप से धन्यवाद एवं हमेशा आभारी रहेंगे.
आसपास के लोगों ने भी बंगाली दंपती का दिया साथ, सभी को सराहा
उक्त बंगाली दंपती ने अपनी इस समस्या से सासाराम के सांसद छेदी पासवान, औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार को जहां अवगत कराया. वहीं लोजपा नेता गबरू सिंह, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष बनारसी सिंह, भभुआ प्रखंड प्रमुख के प्रतिनिधि कमलेश सिंह को जानकारी दी. जिसके बाद उक्त लोगों द्वारा मामले की शिकायत प्रभात खबर के संवाददाता एवं डीएम के यहां किया गया.
उक्त मामले को सुनने के बाद सभी लोगों ने बंगाली दंपती को हर संभव मदद का भरोसा दिया और घुस नहीं देने की बात कही. डीएम के संज्ञान में आते ही डीएम ने उक्त मामले में कड़ा रूख अख्तियार करते हुए घुस मांगनेवाले व्यक्ति पर कार्रवाई करने सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए समयसीमा के अंदर कागजी कार्रवाई पूर्ण कर बच्चा सौंपने का आदेश दिया.
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