भभुआ सदर : रमजान के पाक महीने को तीन असरे में बांटा गया है. दक्षिण मुहल्ला स्थित कादरी मस्जिद (छोटी मस्जिद) के हाफिज शमीम कुरैशी ने रमजान की विशेषता पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस पाक महीने को तीन अशरे यानी दस दिन में बांटा गया है.
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तीन असरे में बांटा गया है रमजान के पाक महीने को
भभुआ सदर : रमजान के पाक महीने को तीन असरे में बांटा गया है. दक्षिण मुहल्ला स्थित कादरी मस्जिद (छोटी मस्जिद) के हाफिज शमीम कुरैशी ने रमजान की विशेषता पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस पाक महीने को तीन अशरे यानी दस दिन में बांटा गया है. इसमें पहला दस दिन रहमत का व […]
इसमें पहला दस दिन रहमत का व दूसरा अशरा मगफिरत का तथा तीसरा अशरा जहन्नुम से निजात का है. खुशनसीब हैं वे लोग जिन्होंने यह मुबारक महीना पाया और रोजा का हक अदा कर खुदा को खुश किया.
एक रोजे का भी होता है काफी महत्व
हाफिज शमीम कुरैशी ने बताया कि रमजान का महीना वह महीना है, जिसमें कुरान नाजिल किया गया है. इस महीने को जो पाये, लाजिम है कि इस पूरे महीन के रोजे रखे. जो कोई मरीज हो गया हो या सफर पर हो, तो वे दूसरे दिनों में रोजों की तादाद पूरी करें. हजरत अबू सैयद से रवायत है कि, रसूल अल्लाह ने फरमाया कि जो शख्स अल्लाह की राह में एक दिन का रोजा रखता है तो अल्लाह उस एक दिन के बदले में उसके चेहरे को जहन्नम की आग से सत्तर साल दूर कर देता है.
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