भभुआ कोर्ट : नाबालिग किशोरी से छेड़खानी के मामले में सोमवार को एडीजे प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पास्को रामरंग तिवारी की अदालत से सोमवार को अभियुक्त को पांच वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनायी गयी. साथ ही 10 हजार रुपये अर्थ दंड जमा करने की भी सजा मुकर्र की गयी. दुर्गावती थाना कांड संख्या 35/15 में व्यवहार न्यायालय भभुआ में एडीजे प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पास्को द्वारा सोमवार को मुकदमे में बनाये गये प्राथमिक अभियुक्त को पास्को एक्ट के तहत पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनायी गयी. साथ ही 10 हजार रुपये के आर्थिक दंड की भी सजा सुनायी गयी.
अर्थ दंड नहीं दिये जाने पर छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भी अभियुक्त को भुगतनी पड़ेगी. गौरतलब है कि दो मार्च 2015 को पीड़िता के माता-पिता मजदूरी करने के लिए घर से बाहर गये थे, तभी गांव का ही अभियुक्त राकेश राम घर के पीछे से दीवार फांद कर घर में प्रवेश कर गया. घर में 14 वर्षीया नाबालिग किशोरी को अकेले पाकर उसके साथ जोर-जबरश्ती करने लगा.
विरोध करने पर अभियुक्त द्वारा पीड़िता को पैसे की लालच दिया गया. लेकिन, पीड़िता द्वारा लगातार विरोध जारी रहा. मां-बाप के आने के बाद पीड़िता द्वारा उन्हें जानकारी दी. इसके बाद दुर्गावती थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. इस मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रसिद्ध सिंह द्वारा दलील पेश की.