15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

कैमूर वन अभयारण्य को इस साल टाइगर रिजर्व की मिलेगी मंजूरी, इको टूरिज्म के तौर पर विकसित होगा क्षेत्र

कैमूर वन अभयारण्य को इस साल टाइगर रिजर्व की मंजूरी मिल जाएगी. इसके बाद यह राज्य में वीटीआर के बाद दूसरा टाइगर रिजर्व होगा. इसके लिए पिछले महीने केंद्रीय टीम ने कैमूर वन क्षेत्र का दौरा कर आबादी और जंगल वाले हिस्से की जानकारी ली थी.

पटना. कैमूर वन अभयारण्य को इस साल टाइगर रिजर्व की मंजूरी मिल जायेगी. यह राज्य में वीटीआर के बाद दूसरा टाइगर रिजर्व होगा. इसके लिए पिछले महीने केंद्रीय टीम ने कैमूर वन क्षेत्र का दौरा कर आबादी और जंगल वाले हिस्से की जानकारी ली थी. इसके लिए कोर एरिया, बफर एरिया व कॉरिडोर को चिह्नित किया गया था. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से भी उन्हें सभी स्थितियों से अवगत करवाया था. अब केंद्रीय टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद राज्य सरकार की तरफ से टाइगर रिजर्व के लिए अंतिम प्रस्ताव केंद्र को भेजा जायेगा.

इको टूरिज्म के तौर पर विकसित होगा क्षेत्र

सूत्रों के अनुसार मार्च 2020 में कैमूर वन अभ्यारण्य में वन विभाग द्वारा लगाये गये कैमरा ट्रैप में विचरण करते बाघ की तस्वीर कैद हुई थी. इसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा गठित टीम ने यहां का दौरा किया था. टाइगर रिजर्व घोषित होने से इस क्षेत्र को इको टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जा सकेगा , जिससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी. साथ ही पर्यटन का भी विकास होगा. वर्तमान में यहां के वन क्षेत्रों में भालू, तेंदुआ व हिरण सहित कई जानवरों की मौजूदगी है. इसके अलावा यहां विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षी भी आते रहते हैं. कैमूर वन क्षेत्र काफी बड़ा है और इसकी सीमा झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के जंगलों से मिलती है.

Also Read: मुजफ्फरपुर के EPF क्षेत्रीय कार्यालय में जमा नहीं हुआ लाइफ सर्टिफिकेट, 28 हजार लाभुकों की पेंशन बंद
राज्य में कछुआ संरक्षण की भी बन रही योजना

राज्य में कछुआ संरक्षण की योजना बन रही है. इस योजना को लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने करीब 250 अधिकारियों व कर्मियों को प्रशिक्षण दिलवा चुका है. अब योजना को लागू कर कछुओं के संरक्षण पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. इस योजना को इसी साल लागू होने की संभावना है. इसके लिए राज्य के वेटलैंड वाले इलाकों में कछुओं का ब्रीडिंग और संरक्षण सेंटर बनाया जायेगा. साथ ही कछुओं की तस्करी पर लगी रोक को प्रभावी तौर पर लागू किया जायेगा. गौरतलब है कि इकोसिस्टम को संतुलित करने में कछुआ की भी महत्वपूर्ण भूमिका है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel