जहानाबाद नगर : बेगूसराय के मकसुदपुर में माले नेता के हत्यारों की गिरफ्तारी, 100 एकड़ जमीन पर हाईकोर्ट एवं जिला प्रशासन के गरीब दलितों के पक्ष में दिये फैसले को शीघ्र लागू करने, गरीबों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारी को बरखास्त करने सहित अन्य मांगों को लेकर भाकपा माले द्वारा प्रतिवाद मार्च निकाला गया. जिला कार्यालय से निकाला गया प्रतिवाद मार्च प्रमुख मार्गों से होते हुए अस्पताल मोड़ पहुंच सभा में तबदील हो गयी. सभा को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि बेगूसराय में माले नेताओं की हत्या,
नवादा में गरीबों के घर आगजनी, भोजपुर तथा सीवान में माले नेता की हत्या नीतीश भाजपा गठजोड़ की देन है. गरीबों को उजाड़कर उसकी जमीन हड़पने का अभियान प्रदेश में चल रहा है. सरकार का दखल देहानी वर्षों से कागज पर चल रहा है. सरकार पूरी तरह से भू-माफियाओं की चाकरी कर रही है. प्रतिवाद मार्च में जिला सचिव श्रीनिवास शर्मा, वसी अहमद, कुंती देवी, संतोष केशरी, विनोद भारती, श्याम पांडेय आदि नेता शामिल थे. वहीं अरवल प्रतिनिधि के अनुसार बेगूसराय में माले नेता की हत्या के विरोध में भाकपा माले अरवल इकाई के नेतृत्व में विरोध -प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन की शुरुआत भाकपा माले कार्यालय से दर्जनों कार्यकर्ता हत्या के विरोध में नारे लगाते हुए सदर प्रखंड परिसर पहुंचे जहां भाकपा माले जिला सचिव महानंद के नेतृत्व में विरोध सभा का आयोजन किया गया.
सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव ने कहा कि बेगूसराय में महेश राम एवं रामप्रवेश राम की हत्या की जिम्मेवार डीएसपी पर कार्रवाई करने में सरकार विफल साबित हो रही है. यही कारण है कि खासकर कमजोर वर्ग के लोगों पर चौतरफा हमला बढ़ता जा रहा है. इन दोनों नेताओं को इसलिए हत्या की गयी कि गरीबों के लिए संघर्ष कर 134 गरीब परिवारों को जमीन का परचा दिलवाया था. विरोध प्रदर्शन में उपेंद्र पासवान, रामकुमार सिन्हा, गणेश यादव, नंदकिशोर, राजनारायण चौधरी, उमैर अंसारी के अलावा काफी संख्या में भाकपा माले नेता व कार्यकर्ता शामिल थे.