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दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र में शरजील इमाम का नाम ‘उकसाने” वाले व्यक्ति के रूप में लिया

नयी दिल्ली / जहानाबाद : दिल्ली पुलिस ने पिछले वर्ष जामिया मिल्लिया इस्लामिया के निकट न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से संबंधित एक मामले में 17 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. पुलिस ने आरोप पत्र में शरजील इमाम का नाम एक ‘‘उकसाने” […]

नयी दिल्ली / जहानाबाद : दिल्ली पुलिस ने पिछले वर्ष जामिया मिल्लिया इस्लामिया के निकट न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से संबंधित एक मामले में 17 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. पुलिस ने आरोप पत्र में शरजील इमाम का नाम एक ‘‘उकसाने” वाले व्यक्ति के रूप में लिया है. आरोपियों के खिलाफ दंगा, हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश और भारतीय दंड संहिता के तहत अन्य अपराधों में आरोप लगाये गये है.

3 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर की अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया. अदालत ने इमाम को तीन मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इमाम की हिरासत अवधि मंगलवार को खत्म होने के बाद उसे अदालत में पेश किया गया था. अदालत सूत्रों ने बताया कि गत 15 दिसंबर को हुई हिंसा के एक आरोपी ने आरोप लगाया था कि इमाम के भाषणों ने उसे उकसाया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था.

शरजील इमाम ने सीएए के खिलाफ दिये थे उकसाने वाले भाषण
प्रदर्शनकारियों में से एक मोहम्मद फुरकान के बयान के हवाले से पुलिस ने आरोप पत्र में कहा, ‘‘सीएए के विरोध और जामिया में दंगों की हिंसक घटनाओं के कारण हालात काफी नाजुक थे.” इसमें कहा गया है, ‘‘उस दिन शरजील इमाम ने सीएए के खिलाफ उकसाने वाले भाषण भी दिये थे और इस कारण वह (फुरकान) और उसके साथी उन्मादी और विरोध में शामिल हुए थे.”

विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर
पुलिस ने बताया कि इस खुलासे के मद्देनजर पूरक आरोप पत्र के दौरान इमाम की भूमिका की विस्तृत जांच की जायेगी. फुरकान (26) को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले में गिरफ्तार किया गया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि उसकी भूमिका और मामले के अन्य पहलूओं का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है. धारा 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगे), 149 (गैर कानूनी ढंग से इकट्टा होना), 186 (लोक सेवक के लोक कॄत्यों के निर्वहन में बाधा डालना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) समेत विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है.

अब तक इस मामले में 17 गिरफ्तार
आरोपियों के खिलाफ शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी आरोप लगाये गये है. एजेंसी ने बताया कि अब तक इस मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से नौ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, जबकि आठ जामिया क्षेत्र के है. पुलिस ने आरोपपत्र के साथ सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और 100 से अधिक गवाहों के बयान बतौर प्रमाण संलग्न कियेगये हैं. पुलिस के अनुसार इस हिंसा में 95 लोग घायल हुए थे जिनमें से 47 पुलिस अधिकारी थे.

26 जनवरी को राजद्रोह और अन्य आरोपों में दर्ज किया गया था मामला
पुलिस ने कहा कि दंगों के दौरान छह बसों और तीन निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. अदालत ने सोमवार को इस मामले में इमाम को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में इमाम को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था. इमाम के खिलाफ 26 जनवरी को राजद्रोह और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया था.

छात्रों ने पुलिस बर्बरता का लगाया था आरोप
पिछले वर्ष 15 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ हुए संघर्ष में प्रदर्शनकारियों ने चार सार्वजनिक बसों और दो पुलिस वाहनों को जला दिया था. पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. पुलिसकर्मी यह कहते हुए जामिया परिसर में प्रवेश कर गये थे कि दंगाई वहां छिपे हैं. हालांकि, जामिया छात्रों ने इस बात से इन्कार किया कि वे हिंसा में शामिल थे. छात्रों ने पुलिस बर्बरता का आरोप लगाया था.

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