गिद्धौर. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज-2 के तहत स्वच्छता मिशन योजना की शुरुआत प्रखंड के प्रत्येक पंचायतों में की गयी थी, ताकि पंचायत के हर गली मोहल्ले को स्वच्छ रखा जा सके, बावजूद यह योजना प्रखंड क्षेत्र के पतसंडा पंचायत में केवल कागजों में ही सिमट कर रह गयी. प्रखंड में मनरेगा एवं पंचायत के 15वीं वित्त योजना अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज-2 के तहत स्वच्छता योजना की यहां शुरूआत की गयी थी, ताकि पंचायत के हर एक वार्ड में वार्ड स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई के माध्यम से कचरा का उठाव कर गांव टोले में स्वच्छता की बेहतर मिसाल कायम की जा सके. वहीं योजना को लेकर वरीय अधिकारियों की देख-रेख में लाखों रुपये खर्च कर स्थानीय स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई के डंपिंग यार्ड का मनरेगा एवं 15वीं वित्त से योजना का निर्माण कर इसकी शुरुआत विभागीय देखरेख में की गयी थी. वहीं इसे लेकर पंचायत स्तर पर प्रत्येक वार्ड में कचरा निस्तारण को लेकर स्वच्छता कर्मी, सुपरवाइजर बहाली सहित वार्ड स्तर पर कचरा उठाव को लेकर भारी भरकम राशि खर्च कर पंचायत स्तर पर बैट्री चलित टोटो ई-रिक्शा की भी व्यवस्था की गयी थी. इसके साथ ही प्रत्येक पंचायत के हर वार्ड में हर एक घर में गिला कचरा एवं सूखा कचरा के निस्तारण को लेकर डस्टबिन भी वार्ड वासियों को उपलब्ध कराया गया था.
खटाई में पड़ी लोहिया स्वच्छ बिहार मिशन योजना
बताते चलें कि सरकार के इस योजना का एक मात्र उद्देश्य यह था कि लोग स्वच्छता के प्रति अपने जिम्मेवारी को समझते हुए जहां-तहां कचरा न फेंकें. वहीं वार्ड में लोगों के घरों से निकलने वाले कचरे को स्वच्छता कर्मियों द्वारा डंपिंग यार्ड में अलग अलग वर्गीकृत कर उन्हें जरूरत के हिसाब से उनका रिसाइकल कर खाद एवं अन्य जरूरी सामग्री निर्माण में इस्तेमाल किया जा सके, लेकिन इन दिनों गिद्धौर प्रखंड भर में यह योजना विभागीय पदाधिकारियों के उदासीन रवैये की भेंट चढ़ कर रह गया है. नतीजतन यहां विभिन्न पंचायतों में वार्ड स्तर पर कचरा प्रबंधन से जुड़ी यह महत्वाकांक्षी योजना पूरी तरह से खटाई में पड़ चुकी है. यही हाल पतसंडा पंचायत का है, जहां मुखिया एवं पंचायत सचिव के उदासीनता के कारण महीनों से पंचायत के 12 वार्डों में कचरा उठाव बंद पड़ा हुआ है, वार्ड के ग्रामीण दयानंद राय, श्यामली राय, राजो पासी, सुधीर रजक, सुबोध केशरी, रोहित रजक आदि बताते हैं कि पंचायत के प्रत्येक वार्ड में निर्धारित ठेला रिक्शा द्वारा घर घर से कचड़ा कलेक्शन कर उनको डंपिंग यार्ड तक ले जाने की व्यवस्था भी की गयी थी, लेकिन महीनों से यहां यह योजना ठप है. किसी भी वार्ड में कचरे का उठाव नही हो रहा है, जब हम वार्ड वासियों से स्वच्छता कर्मियों से इसका कारण पूछा जाता है, तो सफाई कर्मी कई महीनों से मानदेय नहीं मिलने से कचरा उठाव बंद रहने की बात बताते हैं, जिसकी वजह से वर्तमान समय में पंचायत प्रतिनिधियों व विभागीय पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण स्वच्छता अभियान पूरी तरह से यहां बेपटरी है.पतसंडा पंचायत में दो से तीन दिनों में यह योजना पूर्व की तरह चालू हो जायेगी, स्वच्छता कर्मियों के मानदेय का भुगतान लगभग हो गया है, अब यह योजना पूर्ण रूपेण चालू हो जाएगी.
प्रियंका रानी, प्रखंड स्वच्छता समन्वयकB
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