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स्वर्ण श्रेया, स्वर्ण शक्ति व स्वर्ण समृद्धि धान कम बारिश में अच्छी तक उपज देने में सक्षम : डॉ सुधीर

जिले के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. मौसम की मार झेल रहे धान किसानों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, जमुई ने एक नयी पहल की है.

जमुई . जिले के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. मौसम की मार झेल रहे धान किसानों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, जमुई ने एक नयी पहल की है. बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, जमुई के वैज्ञानिकों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना के सहयोग से धान की तीन नयी प्रजातियों स्वर्ण श्रेया, स्वर्ण शक्ति और स्वर्ण समृद्धि का सफलतापूर्वक विकास किया है. केंद्र प्रमुख डॉ सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रजातियां विशेष रूप से मौसम की अनिश्चितता को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है. इन प्रजातियों की खास बात यह है कि कम बारिश की स्थिति में भी ये 40 से 42 क्वींटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देने में सक्षम हैं. साथ ही, स्वर्ण शक्ति में जिंक और आयरन की मात्रा बढ़ाई गयी है, इससे किसानों को पोषण लाभ भी मिलेगा.

किसानों को मिल रही है तकनीकी जानकारी

डॉ सिंह ने बताया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत अब तक जिले के हजारों किसानों से सीधा संवाद स्थापित किया गया है. यह अभियान भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 29 मई से 12 जून 2025 तक चलाया जा रहा है.

अभियान के तहत तीन वैज्ञानिक टोलियों का गठन किया गया है

केंद्र प्रमुख डॉ सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पहली टोली में डॉ प्रमोद कुमार सिंह, रूबी कुमारी, दूसरी में डॉ मुकुल कुमार, कुमारी रश्मि रानी, तीसरी में डॉ परमानंद प्रभाकर, डॉ प्रवीण कुमार के साथ मैं स्वयं शामिल हूं. ये टीमें प्रतिदिन जिले के अलग-अलग गांवों में जाकर किसानों को मौसम अनुकूल कृषि तकनीक, फसल एवं पशुपालन से जुड़ी समस्याओं पर जानकारी व समाधान प्रदान कर रही हैं.

सोनो प्रखंड के बिनझी गांव में कार्यक्रम अभियान के तहत आज सोनो प्रखंड के बिनझी गांव में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां किसानों ने नई तकनीकों और धान की नयी किस्मों को लेकर काफी उत्साह दिखाया. डॉ सुधीर ने कहा कि धान की खेती से प्राप्त अवशेषों को चारे के रूप में पशुओं को दिया जाता है, लेकिन बारिश कम होने से फसल और चारे दोनों की समस्या आती है, जिसे यह नयी प्रजातियां काफी हद तक हल करेंगी.

12 जून को होगा समापन समारोह

अभियान का समापन समारोह 12 जून को जमुई प्रखंड में आयोजित किया जायेगा. इस अभियान के सफल संचालन में मार्गदर्शन देने के लिए बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डॉ इंद्रजीत सिंह और निदेशक डॉ उमेश सिंह के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया.

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