सोनो. झारखंड में बीते सोमवार के तड़के सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारे गए नक्सली प्रवक्ता अरविंद उर्फ अशोक यादव का शव उसके पैतृक गांव सोनो प्रखंड के भेलवा मोहनपुर नहीं पहुंचा. हालांकि उसके परिवार सदस्य बोकारो पहुंचकर अरविंद के शव को प्राप्त करने की तमाम प्रक्रिया पूरी कर शव को प्राप्त किया था. कयास लगाया जा रहा है कि परिवार ने उसका अंतिम संस्कार पश्चिम बंगाल में कर दिया. दरअसल अरविंद की पत्नी और बच्चे पश्चिम बंगाल में ही रहते है. इधर, विभिन्न स्रोत से अरविंद के मारे जाने के बाद भेलवा के ग्रामीण भी शव के इंतजार में थे. मंगलवार से ही शव को गांव लाने की भी चर्चा थी. माता-पिता तो भेलवा में ही रहते थे और वे दोनों भी छोटे पुत्र अजय के साथ शव लेने बोकारो गये थे. इधर, गांव में सन्नाटा पसरा है. लोग अरविंद की मौत पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उसका पैतृक घर बंद पड़ा है. घटना के बाद से गांव में उसका अर्धनिर्मित मकान बंद पड़ा है. उसके परिवार में माता पिता और पत्नी के अलावे दो भाई, बच्चे और ससुराल के लोग भी है. संभावना जतायी जा रही है कि भीड़ भाड़ से बचते हुए उसका अंतिम संस्कार पश्चिम बंगाल में ही कर दिया गया होगा. इधर, अरविंद के शव को भेलवा पहुंचने पर कवरेज को लेकर स्थानीय मीडिया कर्मी सजग थे, लेकिन उम्मीद के इतर अरविंद का शव पैतृक गांव पहुंचा ही नहीं.
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