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रिंग रोड के निर्माण से लोगों को जाम से मिलेगी राहत : सांसद

जिला मुख्यालय में रिंग रोड के निर्माण को स्वीकृति मिली है. केंद्रीय सड़क और अवसंरचना निधि के तहत स्वीकृत इस योजना के अंतर्गत लगभग 10.28 किलोमीटर लंबे रिंग रोड का निर्माण कराया जायेगा.

जमुई . जिला मुख्यालय में रिंग रोड के निर्माण को स्वीकृति मिली है. केंद्रीय सड़क और अवसंरचना निधि के तहत स्वीकृत इस योजना के अंतर्गत लगभग 10.28 किलोमीटर लंबे रिंग रोड का निर्माण कराया जायेगा. इसके निर्माण में करीब 37.36 करोड़ की लागत आयेगा. यह रिंग रोड जमुई-लखीसराय मुख्य मार्ग (एसएच 18) से शुरू होकर एनएच 333ए तक जायेगी. रास्ते में यह हांसडीह, आरके होटल, मलयपुर रोड, घोड़ा अस्पताल, गिरिश सिनेमा, आईटीआई कॉलेज और इंदपे से होकर गुजरेगी. इस से शहर के भीतर से गुजरने वाला भारी वाहनों का यातायात अब बाहरी रिंग रोड से डायवर्ट किया जा सकेगा. इससे नगर क्षेत्र में जाम की स्थिति में काफी सुधार होगा.

सांसद ने कहा- उनकी पहल से मिली मंजूरी

इसे लेकर सांसद अरुण भारती ने कहा है कि परियोजना को स्वीकृति दिलाने में उनकी भूमिका अहम रही है. उन्होंने कहा कि सांसद बनने के बाद उन्होंने इसे प्राथमिकता में रखा और लगातार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान से इस संबंध में चर्चा की . उन्होंने अधिकारियों से भी कई स्तर पर बैठकें की. सांसद ने कहा कि जमुई के लिए रिंग रोड कोई विलासिता नहीं बल्कि एक बुनियादी जरूरत है. यह सड़क विकास की रीढ़ बनेगी और आने वाले वर्षों में जमुई के विस्तार की दिशा तय करेगी. लोजपा नेताओं ने भी इस सड़क के निर्माण पर हर्ष जताया है. लोजपा जिलाध्यक्ष जीवन सिंह ने कहा कि सांसद ने जिले के लोगों के लिए जो वायदा किया था, वो पूरा करके दिखाया है.

रिंग रोड के निर्माण के लिए क्रेडिट लेने की होड़

जमुई जिले के लोगों के लिए एक अच्छी खबर तब सामने आयी, जब जिला मुख्यालय से एक रिंग रोड के निर्माण की स्वीकृति मिली. इसके बाद लोगों के मन में यह उम्मीद जगी है कि उन्हें शहर के जाम से छुटकारा मिलेगा. जिले के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए शहर की भीड़ में इंतजार नहीं करना पड़ेगा. लेकिन इसी बीच अभी रिंग रोड के निर्माण को लेकर श्रेय लेने वालों की होड़ लग गयी है. अलग-अलग स्तर के नेता इस रिंग रोड के निर्माण में अपनी भागीदारी की ताल ठोक रहे हैं. गौरतलब है कि बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं और अपने 5 साल के परफॉर्मेंस के आधार पर ही सभी पार्टियां चुनाव में जाने वाली है. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले इस परियोजना की स्वीकृति ने सभी नेताओं को एक्टिव कर दिया है. हर कोई अपनी तरफ से यह बताने की कोशिश में है कि उक्त रिंग रोड के लिए उनके द्वारा सार्थक प्रयास किये गये हैं.

पहले भी आते रहे हैं ऐसे मामले

ऐसा पहली बार नहीं है जब जिले की किसी योजना को लेकर श्रेय लेने की होड़ मची हो. इससे पहले भी कई बार अलग-अलग योजनाओं के लिए सभी अपना-अपना दावा प्रस्तुत कर चुके हैं. पिछले ही साल जिले के गिद्धौर से मौरा जाने वाली सड़क के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी थी. यह सड़क वर्तमान में काफी जर्जर हालत में है तथा पूर्ण रूपेण गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. जब सड़क के निर्माण की स्वीकृति मिली तब भी लोगों के मन में यह आस जागी थी कि सड़क के निर्माण हो जाने के बाद गिद्धौर और झाझा जाने वाले लोगों को मलयपुर होकर या सोनो होकर नहीं जाना पड़ेगा. खैरा के रास्ते लोग गिद्धौर की यात्रा कर सकेंगे. लेकिन तब भी अलग-अलग नेताओं ने उसे सड़क के निर्माण में अपना श्रेय लेने में खूब दिलचस्पी दिखायी थी. सोशल मीडिया पोस्ट और पत्र जारी कर नेताओं ने सड़क निर्माण की स्वीकृति का क्रेडिट खुद को दिया था. हालांकि दीगर बात यह है कि सड़क निर्माण की स्वीकृति मिले एक साल से अधिक गुजर गया और अभी तक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि अभी हाल ही में इस योजना को विभागीय स्वीकृति प्रदान हुई है. लेकिन उसके पहले ही सड़क निर्माण का क्रेडिट आपस में बांट लिया गया था.

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