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पोषण वाटिका योजना- कागजों में हरी-भरी, जमीन पर एक हरी पत्ती तक नहीं

प्रखंड के तीन दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों पर जिस पोषण वाटिका को सरकार ने गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और बच्चों को कुपोषण से बचाने की ढाल बताया था. वह आज जिम्मेदार कर्मियों की लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है.

शशि लाल, बरहट

एक ओर राज्य सरकार गर्भवती महिलाओं व नौनिहालों के पोषण को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. दूसरी ओर बरहट प्रखंड में जमीन पर यथार्थ हैरान करने वाला है. बात यह है कि प्रखंड के तीन दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों पर जिस पोषण वाटिका को सरकार ने गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और बच्चों को कुपोषण से बचाने की ढाल बताया था. वह आज जिम्मेदार कर्मियों की लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है. सरकार ने हर आंगनबाड़ी केंद्र को तीन साल के रखरखाव के नाम पर 10 हजार रुपये दिये. लेकिन जमीन पर न सब्जियां दिखती है न औषधीय पौधे और न पोषक आहार की ही झलक. परंतु कागज पर योजना तो है, पर धरातल पर गायब है.

जमीन पर एक हरी पत्ती तक नहीं

विभागीय पत्रांक संख्या 67 के अनुसार, बरहट के 44 आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम व उत्क्रमित केंद्र बनाने की दिशा में पोषण वाटिकाओं को विकसित करने का आदेश जारी हुआ था. इन वाटिकाओं में पालक, मेथी, चुलाई, सतावरी, ब्राह्मी, पूर्णवा,बथुआ ,टमाटर, गाजर, रतालू, तुलसी, हल्दी, सहजन,पपीता, गिलोय, नींबू, आंवला, अनार व औषधीय फसलें उगायी जानी थीं. जिनसे गर्भवती महिलाओं और बच्चों को रोज के भोजन में पोषण मिल सके.लेकिन दुर्भाग्य देखिये कि यह सारी फसलें आज सिर्फ सरकारी फाइलों में हरी-भरी है. जमीन पर एक पत्ता भी नहीं दिखता.

योजना के लिए भेजे गये 10 हजार रुपये

विभागीय जानकारी के अनुसार, सरकार ने पोषण वाटिका के रखरखाव के नाम पर पहली किस्त में 7,000 रुपये भेजे थे. इसके बाद तीन हजार रुपये और दिये गये. बावजूद इसके किसी भी केंद्रों पर पोषण वाटिका का नामोनिशान नहीं दिखता.

गर्भवती महिलाएं व बच्चे योजना से वंचित

योजना के तहत 2024 से 2026 तक पोषण वाटिका का रखरखाव आंगनबाड़ी सेविकाओं की जिम्मेदारी थी. लेकिन बरहट प्रखंड में एक भी केंद्र ऐसा नहीं मिला जहां गर्भवती महिला या बच्चा इस योजना का लाभ ले रहा हो. कई केंद्रों पर तो खुद सेविका ही यह बताने में असमर्थ रही कि पोषण वाटिका अब कहां है या क्या बुआई हुई थी.

कहते हैं पदाधिकारी

इस संबंध में पंचायत राज सह जिला बाल विकास परियोजना प्रभारी पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि पूरी योजना की विस्तृत समीक्षा करायी जायेगी और जांच के बाद जो भी आवश्यक एवं उचित कदम होंगे उठाये जायेंगे.

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