– कथा वाचिका राधिका किशोरी ने चौहानडीह में किया प्रवचन खैरा. द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेकर अपनी बाल लीलाओं से संसार को मोहित किया था. उनकी लीलाएं न केवल मनमोहक थीं, बल्कि उनमें जीवन के गहरे आध्यात्मिक संदेश भी छिपे हुए हैं. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में मामा कंस के कारागार में हुआ था और जन्म के बाद से ही उन्होंने असुरों के अंत और धर्म की स्थापना का कार्य प्रारंभ कर दिया था. उनकी लीलाओं का वर्णन आज भी पौराणिक ग्रंथों में विस्तार से मिलता है जो हर युग में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं. अयोध्या की प्रसिद्ध कथावाचिका राधिका किशोरी ने चौहानडीह गांव में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम के दौरान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया. उन्होंने कहा कि कृष्ण की नटखट शरारतें और दिव्य चमत्कार दोनों मिलकर भक्ति और प्रेम की अद्भुत मिसाल पेश करते हैं. उनकी सबसे प्रसिद्ध लीला मक्खन चोरी की है. कृष्ण अपने सखाओं के साथ गोपियों के घरों में छिपकर जाते और माखन की चोरी करते थे. यह उनकी रोजमर्रा की आनंदमय बाल लीलाओं में से एक थी. कथा वाचिका ने कहा कि कृष्ण की बाल लीलाएं भगवान के भक्तों के प्रति उनके प्रेम और सहजता का प्रतीक हैं. गोपियों का गुस्सा उनके मोहक स्वरूप के आगे पलभर में पिघल जाता था. प्रवचन के दौरान देर रात तक श्रद्धालु बड़ी तन्मयता से कथा सुनते रहे. पूरे परिसर में भक्ति और आनंद का वातावरण व्याप्त रहा.
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