चकाई. रेफरल अस्पताल का हाल बेहाल है. यहां की व्यवस्था दिनों दिन लचर होती जा रही है. इसमें कोई सुधार होता नही दिख रहा है. रविवार को इमरजेंसी सेवा चालू थी मगर यहां एएनएम ड्यूटी कर रही थी, जबकि प्रतिनियुक्त चिकित्सक देवघर में आराम फरमा रहे थे. दरअसल, पेटरपहाड़ी पंचायत के कर्माटांड़ गांव की प्रसूता योगिया देवी को प्रसव के लिए उनके स्वजन अस्पताल लेकर सुबह 6:30 के करीब पहुंचे. यहां ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डाॅ प्रतीक प्रिय अनुपस्थित थे. उनकी ड्यूटी सुबह 8:00 बजे से थी, पर वे 12:00 बजे के बाद तक अस्पताल से गायब थे. उनके बारे में बताया गया कि वह देवघर में है. 12:30 के बाद वे अस्पताल पहुंचे. इस दौरान अस्पताल में मौजूद एएनएम और एक आयुष चिकित्सक द्वारा 11:00 बजे के करीब महिला का प्रसव कराया गया. प्रसूता के साथ आये उनके ससुर दामोदर यादव शिक्षक ने बताया कि प्रसव के बाद नवजात शिशु की तबीयत बिगड़ने लगी. अस्पताल में कोई विशेषज्ञ डाॅ के मौजूद नहीं रहने के कारण उसे रेफर कर दिया गया. इसके बाद प्रसूता और नवजात को बेहतर इलाज के लिए देवघर ले जाया गया. दामोदर यादव ने बताया कि प्रसव के पूर्व एएनएम द्वारा 100 रुपये की रिश्वत भी मांगी गयी. 100 रुपये लेने के बाद ही प्रसूता को भर्ती किया गया. इस बीच प्रसूता पीड़ा से कराहती रही. अस्पताल की व्यवस्था से आहत शिक्षक दामोदर यादव द्वारा मामले की सूचना प्रमुख को दी गयी. प्रमुख के निर्देश पर उनके प्रतिनिधि अमीर दास अस्पताल पहुंचे तो इमरजेंसी वार्ड खुला था बाकी पूरा अस्पताल के कमरों में ताला लगा था. प्रमुख प्रतिनिधि ने अस्पताल प्रभारी एसएस दास को कई बार फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. प्रमुख प्रतिनिधि ने बताया कि अस्पताल प्रभारी कभी भी किसी का कॉल रिसीव नहीं करते हैं. कई अन्य जिम्मेदार चिकित्सक कर्मी भी इस दौरान अपनी ड्यूटी से गायब थे. अस्पताल प्रबंधक नवनीत कुमार ने बताया कि रविवार होने के कारण ओपीडी बंद था, लेकिन इमरजेंसी सेवा चालू थी. इमरजेंसी में चिकित्सक को मौजूद अवश्य रहना चाहिए. इधर, व्यवस्था से नाराज प्रमुख प्रतिनिधि ने मामले की जानकारी डीएम को दी और पूरे मामले से अवगत कराया. प्रमुख प्रतिनिधि ने बताया कि डीएम ने मामले में उचित जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
प्रखंड प्रमुख ने वरीय अधिकारियों को लिखा पत्र
मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रखंड प्रमुख उर्मिला देवी ने रेफरल अस्पताल की कुव्यवस्था को लेकर वरीय अधिकारियों को पत्र लिखकर व्यवस्था में सुधार की मांग की है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव, डीएम, सिविल सर्जन को लिखे पत्र में कहा है कि रेफरल अस्पताल में अक्सर चिकित्सक अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं. यह सभी लोग देवघर में रहकर अपना अपना क्लिनिक चलाते हैं. एक भी चिकित्सक समय पर अस्पताल नहीं आते हैं और ना ही किसी का फोन रिसीव करते हैं. यह चकाई प्रखंड के मरीजों के साथ खिलवाड़ है. उन्होंने अस्पताल में हो रही धांधली और मनमानी की जांच की मांग की है.
रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एस एस दास ने बताया कि मैं अपने निजी कार्य से देवघर गया था, अस्पताल में जिनकी ड्यूटी थी. वह नहीं थे, इसकी शिकायत मिली है. जांच कर कार्रवाई की जायेगीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

