जमुई : राज्य सरकार के द्वारा पूरे प्रदेश में 14 नवंबर से किसानों का धान खरीदने की घोषणा के तीन माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जिला में अभी तक मात्र 6380 एमटी धान का खरीद किया गया है. किसानों की मानें तो पैक्स और व्यापार मंडल की ढुलमुल नीति तथा अधिकारियों की लापरवाही के कारण अभी तक सही से खरीद नहीं हो पाया है. राज्य सरकार के सहकारिता विभाग द्वारा किसानों से 31 मार्च 2020 तक धान खरीद करने का निर्देश दिया गया है.
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तीन माह बीत जाने के बाद भी मात्र 6380 एमटी धान की हुई है खरीद
जमुई : राज्य सरकार के द्वारा पूरे प्रदेश में 14 नवंबर से किसानों का धान खरीदने की घोषणा के तीन माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जिला में अभी तक मात्र 6380 एमटी धान का खरीद किया गया है. किसानों की मानें तो पैक्स और व्यापार मंडल की ढुलमुल नीति तथा अधिकारियों […]
इसके बावजूद भी काफी धीमी गति से सभी पैक्स तथा व्यापार मंडल के द्वारा हाल के दिनों में धान खरीद का शुरुआत किया गया है. किसानों की मानें तो पैक्स और व्यापार मंडल की लापरवाही के कारण हम लोगों को अपनी मेहनत से उपज की हुई धान की फसल को औने-पौने दाम में अथवा बिचौलिया के हाथों बेचने को विवश होना पड़ा है. हर बार पैक्स अथवा व्यापार मंडल के द्वारा हम लोगों की धान की खरीद करने में इसी प्रकार का टालमटोल का रवैया अपनाया जाता है.
कभी पैक्स के द्वारा नमी अधिक होने तो कभी कैश क्रेडिट की राशि नहीं उपलब्ध होने की बात कहकर धान की खरीद सही तरीके से नहीं किया जाता है. यह कोई एक दिन की बात नहीं है, बल्कि धान खरीद के मौसम में प्रत्येक वर्ष किसानों को इसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई किसान तो थक-हार कर अपनी मेहनत से तैयार की हुई धान की फसल को इधर-उधर बेचने को विवश हो जाते हैं.
क्योंकि पैक्स अथवा व्यापार मंडल के द्वारा धान खरीदने के पश्चात भी राशि का भुगतान सही तरीके से समय पर नहीं किया जाता है. जिससे किसानों को काफी कठिनाई से रू-ब-रू होना पड़ता है. अधिकांश किसान तो सहकारिता विभाग के इस कार्यशैली के कारण बिल्कुल तंग आ जाते हैं. क्योंकि पैक्स/ व्यापार मंडल अथवा सहकारिता विभाग पर किसानों की परेशानी का कोई असर नहीं पड़ता है.
कहते हैं जिला सहकारिता पदाधिकारी
निर्धारित लक्ष्य से कम धान की खरीद किये जाने के बाबत पूछे जाने पर जिला सहकारिता पदाधिकारी संजीव कुमार सिंह ने बताया कि विगत वर्ष में जमुई जिला के द्वारा 19 हजार 500 एमटी धान का खरीद किया गया था. इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह धान खरीद किये जाने की संभावना है. उन्होंने बताया कि धान की उपज कम होने के कारण ही धान की खरीद लक्ष्य की अपेक्षा कम होने की संभावना है. उन्होंने लक्ष्य पूर्ति को लेकर प्रयास किया जा रहा है.
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