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कोलकाता से अपहरण, पटना से मुक्त

झाझा : कोलकाता के जोड़ासांको इलाके से अपहृत एक 15 वर्षीय किशोर को लालबाजार के एंटी राउडी स्क्वाड (एआरएस) के अधिकारियों ने काफी मेहनत के बाद बिहार के पटना से मुक्त करवा लिया.इस मामले में पुलिस ने अपहृत किशोर के मामा मनीष कुमार चौरसिया (22) और मामा के दोस्त सुमित कुमार दुबे (21) को गिरफ्तार […]

झाझा : कोलकाता के जोड़ासांको इलाके से अपहृत एक 15 वर्षीय किशोर को लालबाजार के एंटी राउडी स्क्वाड (एआरएस) के अधिकारियों ने काफी मेहनत के बाद बिहार के पटना से मुक्त करवा लिया.इस मामले में पुलिस ने अपहृत किशोर के मामा मनीष कुमार चौरसिया (22) और मामा के दोस्त सुमित कुमार दुबे (21) को गिरफ्तार किया है. मनीष बिहार के सिवान जिले के गोरिया कोठी का रहनेवाला है, जबकि सुमित सिवान के गुटनी का निवासी है.
दोनों को झाझा स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया. दोनों से पूछताछ के बाद अपहृत किशोर को पटना में एक गुप्त स्थान से सुरक्षित मुक्त करवा लिया गया. फिरौती के रूप में मांगे गये 15 लाख रुपये जो अपहर्ताओं को दिये गये थे, वह भी बरामद कर लिये गये. गिरफ्तार दोनों अपहर्ताओं को झाझा से कोलकाता लाया जा रहा है. सोमवार को बैंकशाल कोर्ट में उनकी की पेशी होगी.
कब और कैसे हुआ अपहरण
कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि गत रविवार को मध्य कोलकाता के जोड़ासांको इलाके से 15 वर्षीय एक किशोर का अपहरण किया गया था. अपहर्ताओं ने फिरौती के रूप में किशोर के घरवालों से 30 लाख रुपये मांगे थे.
15 लाख रुपये देने पर दोनों पक्ष में सहमति बनी थी. इसी बीच इसकी खबर परिवारवालों ने जोड़ासांको थाने को दी. तुरंत मामले की गंभीरता को देखते हुए एआरएस की टीम ने जांच शुरू की. रुपये देने के लिए पीड़ित परिवार को आसनसोल बुलाया गया.
आसनसोल से ट्रेन में जसीडीह पहुंचा किशोर का परिवार: पुलिस का कहना है कि आसनसोल पहुंचते ही अपहर्ताओं ने फोन पर उन्हें ट्रेन पकड़ कर जसीडीह स्टेशन आने को कहा.
स्टेशन पहुंचते ही वहां परिवार के सदस्यों को स्टेशन के निकट सुनसान जगह में रेलवे ट्रैक के किनारे 15 लाख रुपये से भरा बैग रख देने को कहा गया. बदमाशों के कहे मुताबिक किशोर के पिता ने रेलवे ट्रैक के किनारे रुपये से भरा बैग रखा और वह वहां से हट गया.
इधर पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए उनके साथ गये एआरएस के पुलिसकर्मियों की नजर कुछ देर बाद दूसरी जगह रेलवे ट्रैक के किनारे अपहृत किशोर के मामा मनीष कुमार चौरसिया पर पड़ी.
वह अपने साथी सुमित कुमार दुबे के साथ रुपये गिन रहा था. पुलिस को देखते ही दोनों भागने लगे. तुरंत स्थानीय लोगों की मदद से दोनों का पीछा कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के बाद पटना से अपहृत किशोर को मुक्त करा लिया गया.
पिता से रुपये ऐंठने के लिए मामा संग रची साजिश: प्राथमिक पूछताछ में गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने बताया कि अपहृत किशोर भी इस साजिश में मिला हुआ है. उसके पिता दक्षिण अफ्रीका के कांगो में रहते हैं.
पिता से मोटी रकम हथियाने के लिए ही मामा के साथ मिल कर तीनों ने अपहरण की साजिश रची थी. पूरे मामले की जानकारी किशोर के परिवारवावों को दे दी गयी है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
सीवान का रहने वाला है युवक
झाझा. अपहृत युवक सिवान का रहने वाला है. अभी वह भोजपुरी गायक के रूप में अपने मामा के साथ कोलकाता में काम करता था. जिसका कई एलबम भी रीलिज हुआ. पैसे की जरूरत को देखते हुए अपहरण कांड की योजना युवक व मामा ने मिलकर बनाई. कोलकाता में उन लोगों ने आधे दर्जन से अधिक गाना पर एलबम बनाया था.
लेकिन कोई भी गाना हिट नहीं होने पर लाखों का घाटा उसे लग गया. जिससे वह काफी कर्ज में पड़ गया. कर्ज से परेशान गायक ने अपने मामा के साथ प्लान तैयार किया और अपने पिता से ही रकम को पूरा करने की कोशिश की. जिसके बाद दोनों ने मिलकर इस अपहरण कांड को अंजाम दिया.

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