बदहाल स्थिति . सोनो चौक से बाजार तक की सड़क की हालत जर्जर
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टूटी सड़क पर कैसे जायेंगे छठव्रती
बदहाल स्थिति . सोनो चौक से बाजार तक की सड़क की हालत जर्जर इस बदहाल व गड्ढों में भरी सड़क पर छठव्रती व डाला ले जाने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. सोनो(जमुई) : बस स्टैंड चौक से मुख्य बाजार तक कि सड़क सहित प्रखंड मुख्यालय की कई सड़क बदहाल […]
इस बदहाल व गड्ढों में भरी सड़क पर छठव्रती व डाला ले जाने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.
सोनो(जमुई) : बस स्टैंड चौक से मुख्य बाजार तक कि सड़क सहित प्रखंड मुख्यालय की कई सड़क बदहाल है. स्थिति इतनी बदतर हो गयी है कि सड़क पर यदि संभल कर नहीं चले तो गिरना तय है. वाहन भी कभी भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है. उबड़-खाबड़ व बड़े-बड़े गड्ढों मे भर गये पानी से सड़क के गड्ढों का पता नहीं चल रहा है. ऐसी ही स्थिति चौक से पूरब कटियारी की ओर जाने वाली कच्ची सड़क का है. स्कूल व अन्य कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान इस सड़क में होने के बावजूद यह उपेक्षित है.
सड़क की बदहाली का आलम ऐसा है कि पैदल चलना भी दूभर होता है. पानी व कीचड़ भरे इन गड्ढों वाले दोनों सड़क से होकर छठ व्रतियों व डाला उठाने वालों को गुजरना आसान नहीं होगा. इतनी जर्जर व गड्ढों से भरी सड़क की मरम्मती को लेकर न तो प्रशासनिक अधिकारी व न ही जनप्रतिनिधि इसके लिए प्रयासरत है. सोनो चौक से बाजार जाने वाली मुख्य सड़क पर ग्रामीण बैंक के समीप बने तीन बड़े बड़े व गहरे गड्ढों में बीते दो माह में कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी है. सामान लदा एक ऑटो इस गड्ढा में फंसकर पलट गया जबकि कई साइकिल व पैदल यात्री भी इस बरसात में इन गड्ढों की चपेट में आकर चोटिल हुए है.
दरअसल वर्षा के पानी से लबालब भरे इन गड्ढों का अनुमान नहीं लग पाता है जिससे अनजान चालक इसमें फंस जाते हैं व वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है. इतनी दुर्घटनाओं के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पहल नहीं किया गया. अलबत्ता उस जगह के दुकानदारों ने गड्ढे में एक लाल रंग का झंडा लगा दिया जिससे यात्री सतर्क होकर उधर से न गुजरे परंतु एक दो सप्ताह बाद वह झंडा भी हट गया व बारिश के पानी भरने से पुनः रास्ता जोखिम भरा हो गया.
वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती उस सड़क से गुजरने वाले छठ व्रत करने वालों व डाला लेकर नदी तक जाने वाले श्रद्धालुओं को होगा. कई ग्रामीणों ने कहा कि छठ को देखते हुए प्रशासन द्वारा गड्ढों में मोरंग गिरवाकर उसे समतल कर दिया जाता तब न सिर्फ वाहन चालक व राहगीरों को राहत मिलता बल्कि छठ व्रतियों को भी कम परेशानी होती. छठ घाट तक जाने वाले रास्तों की मरम्मती व घाटों की सफाई के लिए योजना बनाने में व्यस्त प्रशासन द्वारा इस समस्या का हल निकाले जाने की आस ग्रामीण लगाये बैठे हैं.
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