हाजीपुर. इस्लामिक कैलेंडर का नौवा महीना रमजान मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे खस पाक महीना है, जिसमें पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग काफी पवित्रता से रोजा रखकर खुदा की इबादत करते है. रमजान का महीना चंद्रचक्र के कारण बारी-बारी से सभी मौसमों में आते रहता है. 33 वर्ष पर एक वर्ष ऐसा भी आता है, जिसमें एक ही वर्ष में दो बार रमजान का महीना आता है.
ऐसे बदलता है हर साल माह-ए-रमजान
इस्लामिक कैलेंडर पर आधारित जहां प्रत्येक चंद्रचक्र के देखने के साथ शुरू होता है. चांद दिखने के बाद 29 या 30 दिनों का महीना चलता हैं. जिससें लगभग चंद्रचक्र 354 दिन का हो आता है, यानी ग्रेगोरियन वर्ष से 10 से 12 दिन छोटा होता है. इस अंतर के कारण रमजान हर साल ग्रेगोरियन कैलेंडर में पहले शुरू होता है और हर 33 साल में एक समय ऐसा आता है कि एक ग्रेगोरियन वर्ष में दो बार रमजान का महीना आता है. यह संयाेग वास्तव में चंद्र कैलेंडर के छोटे चक्र का परिणाम होता है. वर्ष 2030 के रमजान का महीना जनवरी और दिसंबर में आयेगा. यह संयोग पिछली बार 1997 में देखी गयी थी.2020 से 2030 तक रमजान का महीना
2020 में 24 अप्रैल से2021 में 13 अप्रैल से2022 में 02 अप्रेल से
2023 में 23 मार्च से2024 में 11 मार्च से
2025 में 01 मार्च से2026 में 17 फरवरी से
2027 में सात फरवरी से2028 में 27 जनवरी से
2029 में 15 जनवरी से2030 में पांच जनवरी से और फिर 26 दिसंबर से
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