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गर्मी से जिले में बढ़ा मिजिल्स व चिकेनपॉक्स का प्रकोप, कई बच्चे हुए पीड़ित

गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में मिजिल्स एवं चिकेनपॉक्स का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की जिला सर्वेक्षण इकाई के मुताबिक जिले के हर प्रखंड से इसके केस मिल रहे हैं. जिले के भगवानपुर प्रखंड के रतनपुरा गांव में मिजिल्स से पीड़ित आठ मरीज पाये गये हैं.

हाजीपुर. गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में मिजिल्स एवं चिकेनपॉक्स का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की जिला सर्वेक्षण इकाई के मुताबिक जिले के हर प्रखंड से इसके केस मिल रहे हैं. जिले के भगवानपुर प्रखंड के रतनपुरा गांव में मिजिल्स से पीड़ित आठ मरीज पाये गये हैं. जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ माहेश्वरी सिंह महेश ने सोमवार को बताया कि भगवानपुर पीएचसी के क्षेत्र में रतनपुरा पंचायत की वार्ड नंबर 12 में आठ मिजिल्स पीड़ितों की एएनएम सोनी कुमारी ने 11 अप्रैल को दी थी. सोमवार को वहां मेडिकल टीम गयी और पीड़ितों के बारे में विस्तृत जानकारी ली. मेडिकल टीम ने छह लोगों के ब्लड सैंपल कलेक्ट किये, जिन्हें जांच के लिए पीएमसीएच भेजा जायेगा. सभी मिजिल्स पीड़ित परिवार को विटामिन ए की खुराक दी गयी है. साथ ही पैरासिटामोल का डोज दिया गया है. मेडिकल टीम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ संजय दास, डब्ल्यूएचओ की एसएमओ डॉ श्वेता राय, एफएम अमोद कुमार, विश्वरंजन कुमार, लैब टेक्नीशियन रवि कुमार, बीसीएम नवीन कुमार सिंह शामिल थे.जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट ने बताया कि प्रभावित गांव में जाने के बाद मेडिकल टीम को तब परेशानी का सामना करना पड़ा, जब पांच घरों में, जहां मिजिल्स की शिकायत पायी गयी, लोग ब्लड सैंपल, टीकाकरण और दवा पिलाने से इंकार करने लगे. पंचायत सचिव के मोबलाइजेशन और डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधियों के काफी प्रयास के बाद वे इसके लिए तैयार हुए. जिन छह लोगों के ब्लड सैंपल लिये गये, उनमें सात से 12 साल तक के बच्चे हैं. राज पांडेय के सात वर्षीय पुत्र नमन कुमार, धीरज पाठक के 12 वर्षीय पुत्र हैप्पी कुमार, संजय पाठक की 11 वर्षीया पुत्री सलोनी कुमारी, नीरज पाठक की आठ वर्षीया पुत्री माही कुमारी, शशि पांडेय की 11 वर्षीया पुत्री साक्षी कुमारी तथा 10 वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार के ब्लड सैंपल लिये गये. इन लक्षणों के मिलने पर बरतें सावधानी :

जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ माहेश्वरी सिंह महेश ने बताया कि गर्मी के मौसम में मिजिल्स का प्रकोप फैलने की संभावना बनी रहती है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सतर्कता बरती जा रही है. बुखार, सूखी खांसी, नाक बहना, गले में खराश, आंखों में जलन, त्वचा पर लाल चकत्ते होना आदि मिजिल्स के लक्षण हैं. चिकित्सक बताते हैं कि मिजिल्स या खसरा रोग एक वायरल संक्रमण है, जो रूबेला वायरस के कारण होता है. यदि किसी एक व्यक्ति को मिजिल्स हो जाये, तो उसके आसपास रहने वाले लोगों के भी संक्रमित होने की संभावना रहती है. ये लक्षण वायरस के संपर्क में आने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद दिखने शुरू होते हैं. छोटे बच्चों के लिए यह खतरनाक स्थिति उत्पन्न कर देती है. कई मामलों में मिजिल्स से निमोनिया, इंसेफेलाइटिस आदि होने का खतरा रहता है. यह ब्रोंकाइटिस और गंभीर दस्त जैसी स्थिति भी पैदा कर सकती है. इसलिए मिजिल्स के लक्षण दिखने पर सावधानी बरतने की जरूरत है.

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