हाजीपुर. हाजीपुर के बागमली स्थित एक विद्यालय में मंगलवार को ”नाॅकआउट डिजिटल फ्रॉड” नामक साइबर धोखाधड़ी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन बजाज फाइनेंस और वैशाली साइबर सुरक्षा सेल ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम में डिजिटल उपयोगकर्ताओं को विभिन्न प्रकार के साइबर खतरों और वित्तीय सुरक्षा के सर्वोत्तम तरीकों के बारे में जानकारी दी गयी. यह कार्यक्रम भारतीय रिजर्व बैंक के 2024 के एनबीएफसी धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन दिशा निर्देशों के अनुरूप था, जो डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित बनाने के लिए शीघ्र पहचान, कर्मचारी जवाबदेही और सार्वजनिक भागीदारी पर जोर देता है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को धोखाधड़ी के सामान्य तरीकों जैसे नकली सोशल मीडिया अकाउंट्स, व्हाट्सएप ग्रुप्स और फर्जी वेबसाइट्स के प्रति जागरूक करना था, जो वित्तीय कंपनियों की नकल करते हैं और गलत तरीके से संबद्धता का दावा करते हैं. जागरूकता अभियान के दौरान डीएसपी और साइबर थानाध्यक्ष चांदनी सुमन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि स्मार्टफोन का उपयोग करते समय स्मार्ट भी रहना जरूरी है. उन्होंने सतर्क रहने और सुरक्षित रहने की सलाह दी. डीएसपी ने बताया कि वर्चुअल दुनिया में मोबाइल और कंप्यूटर का डाटा गूगल पर सेव हो जाता है, इसलिए अनवांटेड एप्स न रखें और समय-समय पर फोन अपडेट करें. सोशल मीडिया पर सस्ते या मुफ्त सामान के लालच में न आएं. ओटीपी और पिन किसी से साझा न करें. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा टारगेट होते हैं, इसलिए मजबूत पासवर्ड बनाएं और अनजान लिंक न खोलें. कार्यक्रम में बच्चों और आम लोगों को साइबर सुरक्षा के महत्व को समझाया गया, ताकि वे डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रह सकें. इस पहल से स्थानीय लोगों में साइबर धोखाधड़ी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे सुरक्षित डिजिटल उपयोग को अपना सकेंगे.
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