हाजीपुर. बिहार विधानसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के लिए बुधवार को जिला अतिथि गृह के सभागार में सेक्टर पदाधिकारी एवं पुलिस सेक्टर पदाधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ. यह कार्यक्रम जिला निर्वाचन सह डीएम वर्षा सिंह व एसपी ललित मोहन शर्मा की संयुक्त अध्यक्षता में हुई. इस अवसर पर सभी 359 सेक्टर पदाधिकारी एवं 359 पुलिस सेक्टर पदाधिकारी उपस्थित रहे. इस दौरान डीएम ने कहा कि निर्वाचन कार्य अत्यंत संवेदनशील एवं दायित्वपूर्ण कार्य है. चुनाव प्रक्रिया की सफलता का आधार क्षेत्रीय स्तर पर कार्यरत सेक्टर पदाधिकारी और पुलिस सेक्टर पदाधिकारी ही होते हैं. इन्होंने कहा कि चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया के शांतिपूर्ण संचालन में सेक्टर पदाधिकारियों की भूमिका मेरुदंड के समान है. यदि वे अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी व सजगता से निभाएं, तो चुनाव प्रक्रिया स्वतः ही सफल होगी. उन्होंने सेक्टर पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे चुनावी तैयारियों के हर पहलू पर सूक्ष्म दृष्टि रखें और समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें.
प्रशिक्षण सत्र में डीएम ने सेक्टर पदाधिकारियों को उनके व्यावहारिक दायित्वों और तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी. इन्होंने मतदान दिवस की कार्यप्रणाली, ईवीएम एवं वीवीपैट के प्रबंधन, मतदान केंद्रों पर उपलब्ध आवश्यक न्यूनतम सुविधाओं की जांच तथा पीडब्ल्यूडी मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया. इन्होंने यह भी कहा कि सेक्टर पदाधिकारी अपने क्षेत्र के नोटिफाइड मतदान केंद्रों का मानचित्र तैयार रखें, मतदान दलों के साथ नियमित संवाद बनाए रखें और किसी भी समस्या की सूचना तुरंत संबंधित वरीय पदाधिकारी को दें.प्रशिक्षण में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन :
सभी सेक्टर पदाधिकारी अपने-अपने के प्रत्येक मतदान केंद्र का स्थल निरीक्षण कर सुनिश्चित करेंगे कि वहां की इमारत, पहुंच मार्ग और वातावरण चुनावी दृष्टि से उपयुक्त हो. मतदान केंद्रों के आसपास वैकल्पिक मार्ग चिह्नित करना भी उनकी जिम्मेदारी होगी, ताकि किसी आपात स्थिति में मतदान दलों और मतदाताओं को असुविधा न हो.रूट चार्ट एवं विधि-व्यवस्था का आकलन
: सेक्टर पदाधिकारी को सभी मतदान केन्द्रों का रूट चार्ट तैयार करना होगा. इसके साथ ही मतदान केंद्रों के आसपास विधि-व्यवस्था की स्थिति का गहन आकलन कर आवश्यक प्रतिवेदन जिला प्रशासन को उपलब्ध कराना होगा.मूलभूत सुविधाओं का आकलन
: मतदान केंद्रों पर उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं जैसे स्वच्छ पेयजल, शौचालय, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, बैठने की सुविधा आदि का अवलोकन करना तथा कमी पाए जाने पर त्वरित सूचना संबंधित विभाग को देना उनकी जिम्मेदारी होगी. दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा हेतु रैम्प की व्यवस्था सभी केंद्रों पर सुनिश्चित कराना अनिवार्य है.सुभेद्य एवं संवेदनशील स्थानों की पहचान :
सेक्टर पदाधिकारी अपने क्षेत्र की सामाजिक संरचना का गहन अध्ययन कर उन स्थानों की पहचान करेंगे, जहां सांप्रदायिक तनाव, सामाजिक भेदभाव अथवा अन्य किसी कारणवश गड़बड़ी की संभावना हो सकती है. ऐसे स्थानों का प्रतिवेदन निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को उपलब्ध कराना होगा ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सके.सेक्टर पदाधिकारियों व सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों को दी गयी जिम्मेदारी
मतदाता सूची अद्यतन
: जिन योग्य मतदाताओं के नाम अभी सूची में नहीं जुड़े हैं, उनके नाम जोड़ने में सहयोग करना.भेद्य टोलों की पहचान
: कमजोर वर्गों के मतदाताओं पर दबाव बनाने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान करना और उनकी रिपोर्ट प्रखंड विकास पदाधिकारी अथवा अनुमंडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराना.मतदान केंद्रों का पूर्व भ्रमण
: पहुंच पथ, सड़क की स्थिति एवं अन्य व्यवस्थाओं का पूर्व आकलन करना.पीडब्ल्यूडी मतदाताओं से समन्वय
: दिव्यांग मतदाताओं को आयोग द्वारा प्रदत्त सुविधाओं की जानकारी देना और उन्हें मतदान हेतु प्रोत्साहित करना.एएमएफ (आवश्यक न्यूनतम सुविधाएं) का निरीक्षण
: उपलब्धता और कमी की सूचना समय पर देना.कानून-व्यवस्था की निगरानी
: चुनाव के दौरान अशांति की स्थिति में निषेधाज्ञा की अनुशंसा करना.आदर्श आचार संहिता का अनुपालन
: अपने क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू कराना.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

