भगवानपुर. भगवानपुर प्रखंड के पट्टी बंधुराय गांव में पांच दिवसीय हनुमत प्राणप्रतिष्ठा महायज्ञ का शुभारंभ मंगलवार को कलशयात्रा और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ. कलशयात्रा में हजारों कुंवारी कन्याओं और महिलाओं ने गोविंदपुर स्थित शिव मंदिर से जल भरकर यज्ञ स्थल तक यात्रा की. यज्ञ स्थल पर यज्ञाचार्य सुजीत शास्त्री उर्फ मिट्ठू बाबा, आचार्य अवधेश पांडेय, पंडित सूरज शास्त्री, पंडित सोनू शंकर पांडेय और कृष्णकांत द्विवेदी के सामूहिक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापना संपन्न हुई. इसके बाद पंचांग पूजन और मंडप प्रवेश की विधि पूरी की गयी. यज्ञाचार्य मिठ्ठू बाबा ने कहा कि यज्ञ करने से वर्षा होती है, वर्षा से अन्न उत्पन्न होता है और अन्न से सभी जीवों की रक्षा होती है. इसलिए यज्ञ करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इस संसार में यज्ञ से श्रेष्ठ कोई अन्य कार्य नहीं है, इसलिए श्रद्धा और भक्ति के साथ भावपूर्वक यज्ञ करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि भगवान भाव के भूखे होते हैं. जो प्राणी अपनी अंतरात्मा से भगवान को पुकारता है, भगवान सदैव उसकी रक्षा करते हैं. भगवान धर्म के प्रतीक होते हैं. शास्त्रों में कहा गया है-धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात जो व्यक्ति धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है. कलश यात्रा में मुख्य यजमान लालू कुमार सहनी, मिथिलेश सहनी और संतोष सहनी सहित अन्य यजमान शामिल हुए.
अखंड अष्टयाम यज्ञ को निकाली गयी भव्य कलशयात्रा
सहदेई बुजुर्ग. सहदेई बुजुर्ग के बाजितपुर चकस्तुरी वार्ड संख्या-8 स्थित काली मंदिर की दूसरी वर्षगांठ पर अखंड अष्टयाम यज्ञ का आयोजन किया गया है. इस अवसर पर मंगलवार को बाजे-गाजे के साथ भव्य कलशयात्रा निकाली गयी. कलशयात्रा में 1101 कन्याएं और महिलाएं शामिल हुईं. उन्होंने चेचर के ऐतिहासिक घाट, महादेव मठ के पास गंगा नदी से कलश में जल भरा. आचार्य नागेंद्र ठाकुर ने सभी को संकल्प कराया. संकल्प के बाद श्रद्धालु सिर पर कलश रखकर करीब 12 किलोमीटर की यात्रा तय करते हुए चांदपुरा, ममरेजपुर, धर्मपुर, इब्राहिम बाजितपुर होते हुए यज्ञ स्थल पहुंचे. यात्रा के दौरान श्रद्धालु हर हर महादेव, जय मां काली, जय श्रीराम और जय श्रीकृष्ण के जयकारे लगाते हुए झूमते रहे. ब्राह्मणों ने बीच-बीच में शंखनाद किया. रास्ते में दर्जनों स्थानों पर ग्रामीणों ने श्रद्धालुओं का शरबत पिलाकर और फल देकर स्वागत किया. यज्ञ स्थल पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं ने परिक्रमा की और निर्धारित स्थानों पर कलश रखकर पूजा-अर्चना की. इसके बाद प्रसाद ग्रहण किया गया. आचार्य नागेंद्र ठाकुर, मुख्य यजमान रणवीर राय, चंदन यादव और टुनटुन राय ने बताया कि बुधवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देव पूजन, मां काली की विशेष पूजा-अर्चना और काली दुर्गे राधे श्याम, गौरी शंकर सीता राम की धुन पर अखंड अष्टयाम यज्ञ प्रारंभ होगा. यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद गुरुवार को दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें एक हजार दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया जायेगा. वहीं शुक्रवार को सत्यनारायण कथा, पूजन और भंडारा का आयोजन चंदन कुमार यादव के सौजन्य से किया जायेगा. यज्ञ को लेकर आसपास का क्षेत्र भक्तिमय माहौल में तब्दील हो गया है. इस दौरान मदन राय, पप्पू राय, रोबिन कुमार मिश्रा, प्रदीप कुमार पंडित, हिमांशु कुमार, अमित कुमार, कुंदन कुमार, मोनू कुमार, सेवक राय, शंकर महतो, रविंद्र राय, अखिलेश राय, सुरेश राय, देवेंद्र राय और चंद्रशेखर सिंह सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है