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एसपी ने किया गोरौल थानाध्यक्ष निलंबित, भगवानपुर थानाध्यक्ष के निलंबन के लिए डीआइजी को अनुशंसा

गोरौल की रहने वाली युवती के गायब होने और बाद में गुरुवार को एक खेत में शव बरामद करने के मामले में एसपी ने बड़ी कार्रवाई की है.

हाजीपुर. गोरौल की रहने वाली युवती के गायब होने और बाद में गुरुवार को एक खेत में शव बरामद करने के मामले में एसपी ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में एसपी ललित मोहन शर्मा ने गोरौल थानाध्यक्ष को जहां निलंबित कर दिया, वहीं भगवानपुर थानाध्यक्ष को निलंबित करने के लिए डीआइजी को अनुशंसा भेजी है. मालूम हो कि गोरौल थाना क्षेत्र के पिरापुर मथुरा गांव के धर्मेंद्र कुमार अपने खेत में मकई की फसल लगाये थे. गुरुवार को फसल कटने के बाद वो खेत की जुताई कर रहे थे कि अचानक ट्रैक्टर का चक्का एक गढ्ढे में फंस गया. जब फंसे ट्रैक्टर को निकालने की कोशिश की जा रही थी, तो गढ्ढे से बदबू निकलने लगा. जिसके वाद लोगों ने गोरौल पुलिस को इसकी सूचना दी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने गड्ढे में से एक युवती का शव बरामद किया, जिसकी पहचान पिरापुर गांव निवासी वीरचंद्र सिंह के 20 वर्षीय पुत्री संजना कुमारी के रूप में हुई. मृतका के शव के साथ गढ्ढे से उसका बैग भी मिला. जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट, एडमिट कार्ड सहित अन्य कागजात बरामद किया गया. इसी से शव की पहचान हो सकी. घटना के संबंध में मृतक के पिता एवं मां गीता देवी ने बताया कि उनकी पुत्री बीते 27 मई को कालेज गयी थी, जो वापस नहीं लौटी. इसकी शिकायत भगवानपुर पुलिस से की गई थी , लेकिन कोई करवाई नहीं हुई. परिजनों द्वारा 11 जून को भी आरक्षी अधीक्षक को एक आवेदन देकर बच्ची के बरामदगी की गुहार लगाई गई थी. इसके बाद भी पुलिस द्वारा न तो प्राथमिकी दर्ज की गई और न ही उसे बरामद किया गया. मृतका के परिजनों का आरोप है कि गांव के ही रूपेश कुमार अपने साथियों के साथ मिलकर पहले उसकी पुत्री का अपहरण किया और दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी. कई महीनों से रूपेश मृतका के साथ छेड़छाड़, मोबाइल पर गलत मैसेज किया करता था, जिससे सभी लोग परेशान थे. भगवानपुर पुलिस के अड़ियल रवैये के कारण एक छात्रा की हत्या हो गयी. यदि पुलिस समय पर कारवाई करती तो एक छात्रा की जान बच सकती थी. मामले में दोनों थानाध्यक्ष करते रहे फेंका फेंकी, जिसके बाद हुई दोनों पर कार्रवाई कार्रवाई के संबंध में एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि युवती के गायब होने के मामले में परिजन पहले भगवानपुर थाना गए, लेकिन थानाध्यक्ष ने इन्हें गोरौल थाना भेज दिया. परिजन जब गोरौल थाना पहुंचे तो गोरौल थानाध्यक्ष ने भगवानपुर थाना के पास जाने को कहा. इस मामले में दोनों थानाध्यक्ष एक दुसरे पर मामले की फेंका फेंकी में लगे रहे. इसके साथ ही किसी भी वरीय पदाधिकारी को सूचना नहीं दी गई. इसी मामले में गोरौल थानाध्यक्ष को एसपी ने निलंबित कर दिया और भगवानपुर थानाध्यक्ष निरीक्षक कोटि के हैं इसलिए इनके निलंबन की अनुशंसा की गई है.

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