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hajipur . जन्मोत्सव पर राममय हुआ शहर

जिले में हर्षोल्लास से मनायी गयी रामनवमी, जगह-जगह निकली शोभायात्रा, भगवान राम के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, जय श्रीराम के उद्घोष से गूंजा क्षेत्र

हाजीपुर. जिले में हर्षोल्लास के साथ रविवार को रामनवमी का त्योहार मनाया गया. इस अवसर पर चारों तरफ श्रद्धा और भक्ति का माहौल बना रहा. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव पर शहर समेत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में शोभायात्रा निकाली गयी. रामनवमी जुलूसों में श्रीराम के जयकारे गूंज रहे थे. नगर के अलग-अलग स्थानों से बाजे-गाजे के साथ जुलूस निकाले गये. शोभायात्रा में भगवान राम समेत अन्य देवी-देवताओं की झांकियां सजायी गयी थीं. रामनवमी के अवसर पर मठ-मंदिरों में भगवान राम का दर्शन-पूजन करने के लिए भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. शहर के कौनहारा घाट, सीढ़ी घाट, कौशल्या घाट समेत अन्य घाटों पर स्नान-ध्यान के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की. नगर के तंगौल स्थित राम जानकी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में विशेष पूजन एवं भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ.

रामचौरा में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

रामनवमी के अवसर पर नगर के प्रसिद्ध रामचौरा मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी. भगवान राम के चरण-चिन्ह का दर्शन-पूजन करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. लोगों ने पूजा-अर्चना कर सुख-शांति और समृद्धि की कामना की. स्थानीय रामभद्र स्थित रामचौरा मंदिर का प्राचीन काल से ही विशेष महत्व रहा है. मंदिर के संबंध में मान्यता है कि भगवान राम ने गुरु विश्वामित्र और अनुज लक्ष्मण के साथ जनकपुर जाने के क्रम में यहां विश्राम किया था. इस दौरान यहां उनका मुंडन भी हुआ था. सदियों से रामचौरा मंदिर लोक आस्था का केंद्र रहा है, जहां देश भर से श्रद्धालु श्रीराम के चरण चिन्ह पर माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं. मंदिर परिसर में रामनवमी के अवसर पर 24 घंटे का अष्टयाम यज्ञ आयोजित किया गया. यज्ञ शुरू होने से पहले मंदिर परिसर से भव्य कलश यात्रा निकाली गयी. इसमें हाथी, घोड़े, बैंड बाजे के साथ 11 सौ महिला कलश यात्रियों के अलावे बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल थे. रामनवमी पर लगने वाला रामचौरा मेला रामदाने की लाई, बेल और काष्ठ के सामान के लिए राज्य भर में प्रसिद्ध रहा है. मेला परिसर में इन चीजों की दुकानें सजी हुई थीं. रविवार को मेले में आये श्रद्धालुओं और दर्शकों ने जमकर लाई और बेल की खरीदारी की. बच्चे से लेकर बूढ़ों तक की पसंद रामदाने की लाई, जिसे कुंती या खोबी की लाई भी कहते हैं, की खरीद करने के लिए लोगों को रामचौरा मेले का इंतजार रहता है.

विधि-व्यवस्था को लेकर चौकस रहा प्रशासन

रामनवमी के अवसर पर शहर में निकाली गयी शोभायात्रा के दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किये गये थे. पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की स्वयं मॉनीटरिंग कर रहे थे. शहर के गांधी चौक, राजेंद्र चौक, सिनेमा रोड, यादव चौक, अनवरपुर चौक, सुभाष चौक, मस्जिद चौक, कौनहारा घाट चौक, नखास चौक समेत अन्य स्थानों पर दंडाधिकारी के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किये गये थे. साथ ही महिला पुलिस बल की भी तैनाती की गयी थी. पुलिस प्रशासन संवेदनशील इलाकों व स्थानों की सुरक्षा और शांति को लेकर चौकस दिख रहा था. सदर व नगर थानाध्यक्ष तथा जढुआ ओपी अध्यक्ष भी दल-बल के साथ गश्ती करते नजर आये. रामनवमी जुलूस में शामिल लोगों में ज्यादातर युवा और किशोरवय के थे, जिनके हाथों में तलवार या अन्य पारंपरिक हथियार थे. जुलूस के दौरान जय श्रीराम के नारे गूंजते रहे. हालांकि जिला प्रशासन की ओर से रामनवमी जुलूसों में डीजे बजाने और खतरनाक पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र के प्रदर्शन पर पाबंदी लगायी गयी थी. लेकिन, लोगों ने पारंपरिक शस्त्रों के साथ रामनवमी का जुलूस निकाला. कई जुलूसों में डीजे का भी प्रयोग किया गया.

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