बरौली. शहर में अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन एक बार फिर हरकत में आ गया है और एक बार फिर से कब्जे की गयी जमीन को खाली करने का अल्टीमेटम लाउडस्पीकर के माध्यम से शुरू हो गया है. ऐसी स्थिति देख एक बार फिर दुकानदारों में अफरातफरी है. चूंकि इससे पहले भी प्रशासनिक उद्घोषणा के माध्यम से दुकानदारों तथा अन्य वैसे लोग जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा जमा लिये थे, उनको चेताया गया था कि आप लोगों ने जो भी सरकारी जमीन अपने कब्जे में कर ली है, उसे खाली कर दें. यह अल्टीमेटम तीन दिन तक दिया जाता रहा, जिसका परिणाम ये हुआ कि शहर के दुकानदार अपनी-अपनी दुकान के आगे से जो भी अवैध कब्जे वाली जमीन थी, उसे खाली कर दिया. संयोग से तीन दिन के बाद प्रशासनिक उद्घोषणा बंद हुई और कोई अधिकारी अतिक्रमण को लेकर बाजारों में नहीं गये, तो दुकानदारों को लगा कि अब कुछ नहीं होगा, एक हव्वा था, जो खत्म हो गया. इस सोच के साथ दुकानदार एक बार फिर अपनी-अपनी दुकान पूर्व की तरह सजाने लगे. इसे देखते हुए एक बार फिर प्रशासन हरकत में आया है और एक बार फिर अतिक्रमण हटा लेने की प्रशासनिक उद्घोषणा शुरू हो गयी है. अब इस उद्घोषणा के बाद एक बार फिर दुकानदारों में अफरातफरी है और वे एक बार पुन: पीछे की ओर हटना शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया अभी शहर में शुरू नहीं हुई है, हालांकि सुरवल मोड़ से रतनसराय तक अमीनों द्वारा सड़क की मापी की गयी है. यह अतिक्रमण केवल शहरों में ही नहीं, बल्कि गांवों में भी स्थायी रूप से अपनी जड़ें जमा चुका है. ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर गांव में अतिक्रमण का बुलडोजर चला, तो एक-एक गांव में दर्जनों एकड़ जमीन अवैध कब्जे से मुक्त होगी जिसका सरकार समाजहित में सदुपयोग कर सकेगी. अतिक्रमण हटाये जाने की सूचना पर गांवों में भी दहशत है.
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