गोपालगंज. गर्मी ने अपना रुख बदल लिया और मौसम ने अपने आगामी भयानक गर्मी का तेवर भी स्पष्ट कर दिया है. आसमान में बादलों के आवाजाही के बीच राजस्थान के थार मरुस्थल से आने वाली गर्म हवाओं और अरब सागर से आने वाली हवाओं की नमी के मिश्रण से अधिकतम तापमान 41 डिग्री के पार चला गया है.
इससे हीट इंडेक्स यानी उमस रेड जोन में पहुंच गया है. सोमवार को यह 58 प्रतिशत रिकॉर्ड किया गया है. हीट इंडेक्स की सामान्य स्थिति 50 प्रतिशत होती है. इससे अधिक होने पर गर्मी बर्दाश्त के बाहर हो जाती है. सुबह आठ बजे के बाद से ही बेहिसाब धूप ने झुलसाना शुरू कर दिया था. कई दुकानों और घरों में लगी एयर कंडीशन कुछ देर चलने के बाद ट्रिप कर जा रही थी. शहर भर में ऐसे कई केस आये. वहीं, शहर में मौसम की ज्यादा मार ऐसी रही कि घाटों पर सन्नाटा छाया रहा. धूप इतनी करारी थी कि रात 10 बजे तक हवा आग की लौ की तरह गर्म लग रही थी. डॉक्टरों का कहना है कि धूप में निकलने से पहले खूब पानी जरूर पीएं. हीट इंडेक्स बढ़ने पर धूप में निकलने पर गश खाकर गिरने की संभावना बढ़ जाती है. मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि पछुआ हवाओं की वजह से अगले चार दिनों तक दिन में इसी तरह की गर्मी बनी रहेगी.आज से लू का अलर्ट
अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री ऊपर 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 13 मई से लेकर 16 मई तक लू चलने और भीषण गर्मी शुरू हो सकती है. इस दौरान दिन का तापमान भी 42 डिग्री सेल्सियस को पार कर सकता है. वहीं, रात का पारा 28 डिग्री को छू सकता है. डॉ सिंह ने कहा कि इन इलाकों में पूरे सप्ताह भर में पश्चिमी विक्षोभ का असर कम हो गया है.हीट इंडेक्स बढ़ने से आने लगते हैं चक्कर
हीट इंडेक्स बढ़ने से यदि व्यक्ति लगातार देर तक मेहनत करता है, तो उसे चक्कर आने लगते हैं. पानी की कमी से ऐसा होता है. साथ ही सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है. मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएन पांडेय के अनुसार, यदि सामान्य व्यक्ति लगातार पांच-छह घंटे तक बिना रुके काम करता है, तो उसे कुर्सी पर बैठे-बैठे चक्कर आ सकता है. इसी तरह यदि कोई पैदल चल रहा है और बीच में रुककर आराम नहीं कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में वह चलते-चलते गश खाकर गिर सकता है. इसके लिए जरूरी है कि रुक-रुककर काम करें. बीच-बीच में पानी, शिकंजी या दूसरे पेय पदार्थ लेते रहें. शरीर को आराम भी देते रहें.हैप्पी हार्मोंस पर बुरा असर डाल रहा हीट इंडेक्स
बढ़ते हीट इंडेक्स का असर सेहत पर दिखने लगा है. गर्मी की वजह से हैप्पी हार्मोंस का सामंजस्य बिगड़ गया है. बंजारी स्थित बनारस अस्पताल के डॉ प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि अधिक गर्मी में तनाव बढ़ने से न्यूरो केमिकल का सामंजस्य बिगड़ता है. डॉ त्रिपाठी ने बताया कि अधिक गर्मी में डोपामीन समेत अन्य हैप्पी हार्मोंस के रिसाव पर फर्क पड़ता है. कार्टिसोल तथा अन्य हार्मोंस बढ़ जाते हैं. ऐसे में धूप में बेवजह न निकलें. ठंडे स्थान पर रहें.हीट इंडेक्स क्या है
ताप सूचकांक (हीट इंडेक्स) ऐसा माप है, जो तापमान और सापेक्ष आर्द्रता को मिलाकर मानव शरीर द्वारा महसूस किये जाने वाले तापमान को दर्शाता है. यह बताता है कि गर्मी कितनी महसूस हो रही है. चाहे हवा का तापमान वास्तव में कितना भी हो. यह हवा के तापमान और सापेक्ष आर्द्रता को जोड़कर मानव शरीर के लिए महसूस होने वाले तापमान की गणना करता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है