गोपालगंज. गंडक नदी का जल स्तर फिर से बढ़ने लगा है. मंगलवार को नदी का जल स्तर 71.24 दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से महज 50 सेंटीमीटर नीचे है. मंगलवार सुबह वाल्मीकिनगर बराज से पानी का डिस्चार्ज 1 लाख 26 हजार 500 क्यूसेक दर्ज हुआ, जो औसत से अधिक है.
जल संसाधन विभाग की टीम अलर्ट
गंडक के बढ़ते जल स्तर और बिहार के अन्य जिलों से मिल रही बाढ़ की खबरों ने दियारे के लोगों की चिंता बढ़ा दी है, खासकर संवेदनशील बांधों के आसपास बसे लोगों में बाढ़ की चिंता सता रही है. बीते शुक्रवार से ही गंडक के जल स्तर में घट-बढ़ का सिलसिला जारी है. हालांकि किसी भी स्थिति से निबटने के लिए जल संसाधन विभाग की इंजीनियरों की टीम अलर्ट मोड में है और तटबंधों की लगातार निगरानी की जा रही है. जिला प्रशासन भी मॉनीटरिंग कर रहा है.
दीपऊ-पकड़ी बांध पर नदी का दबाव बढ़ने की आशंका
रात में बांधों पर लाइट की व्यवस्था की गयी है. विशेष रूप से कुचायकोट के विशंभरपुर, सदर प्रखंड के पतहरा और बैकुंठपुर के दीपऊ-पकड़ी बांध पर नदी का दबाव बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. जल स्तर में उतार-चढ़ाव के बीच कटाव का खतरा भी बना रहता है. विशंभरपुर में तैनात इंजीनियर पवन कुमार ने बताया कि जलस्तर पहले की तुलना में बढ़ा है, लेकिन तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है. गंगा नदी में बाढ़ के कारण गंडक का बहाव धीमा होने से कटाव की संभावना रहती है. जिले के मांझा, बरौली, सिधवलिया, बैकुंठपुर, कुचायकोट और सदर प्रखंड के चार दर्जन से अधिक गांव गंडक नदी के किनारे बसे हैं. इन चार दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बाढ़ आने की स्थिति में इन गांवों के हजारों लोगों को ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करना पड़ सकता है.
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