गोपालगंज. गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. बैकुंठपुर के डुमरिया में नदी खतरे के निशान के पास पहुंच चुकी है. वहीं विशंभरपुर में लाल निशान से 25 सेमी से घटकर 90 सेमी नीचे पहुंच गया. नदी का मिजाज कब बिगड़ जाये, कहना मुश्किल है.
शनिवार से घटने लेगा जल स्तर
नेपाल में हो रही बारिश के कारण गंडक नदी का डिस्चार्ज बढ़कर 1.45 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया था. जो शुक्रवार की शाम को घटकर 97 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया. शनिवार की सुबह से नदी का जल स्तर घटने लगेगा. घटते- बढ़ते जल स्तर के बीच जल संसाधन विभाग के एक्सपर्ट इंजीनियरों के साथ हाइ अलर्ट मोड में हैं.
तटबंधों की हो रही मॉनीटरिंग
यहां तटबंधों की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. तटबंधों पर लाइट का इंतजाम किया गया है. खासकर विशंभरपुर, पतहरा, दीपऊ-पकड़ी बांध पर नदी का दबाव कब बन जाये, कहना मुश्किल है. घटते-बढ़ते जल स्तर के बीच कटाव का खतरा रहने के कारण इंजीनियरों की टीम लगातार मॉनीटरिंग कर रही है. कार्यपालक अभियंता साजिद इकबाल व विशंभरपुर में पवन कुमार का दावा है कि तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित है. कहीं नदी का ऐसा दबाव नहीं है. गंगा नदी में बाढ़ के कारण गंडक नदी का बहाव स्लो होने से बैकुंठपुर के निचले इलाके के लोगों में खतरा बना हुआ है. नदी व बांध के बीच कुचायकोट, सदर, मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर के लगभग 43 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. सावन बीतने को है. अब तक नदी ने अभय प्रदान किया है. यहां रहने वालों की धड़कनें बढ़ी हुई है. पता नहीं नदी का मिजाज कब बिगड़ जाये और घर-वार छोड़कर ऊंचे स्थलों पर शरण लेना पड़े.
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