गोपालगंज. गोपालगंज के कोर्ट ने हत्या के एक मामले में पांच दोषियों को सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. जवानी में घटना को अंजाम देने वाले आज जीवन की सांझ में सजा पाकर फफक कर रो पड़े.
जिला जज-12 राजीव मिश्रा के कोर्ट में हुई सुनवाई
जिला जज-12 राजीव मिश्रा के कोर्ट ने हत्याकांड के आरोपितों को दोषी पाते हुए कुचायकोट थाने के खजूरी पूर्वटोला के विनोद प्रसाद को सात वर्ष का सश्रम करावास, 10 हजार का जुर्माना व नागेंद्र प्रसाद, सच्चिदानंद प्रसाद, पारस भगत व प्रभुनाथ भगत को पांच-पांच वर्ष का कारावास व पांच-पांच हजार के जुर्माने की सजा दी है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त सजा सुनायी है. पांचों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनायी सजा
कोर्ट ने यह निर्णय अपर लोक अभियोजक जयराम साह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता अबू शमीम की दलीलों को सुनने के बाद सजा सुनायी है. सजा आने के साथ ही पश्चाताप की आग में आरोपित झुलसने लगे. वहीं पीड़ित पक्ष ने कहा कि इंसाफ की जंग लड़ कर कोर्ट का चक्कर लगाते रह गये. बचने के लिए बहुत प्रयास किया. अंतत: 35 वर्षों के बाद कोर्ट का फैसला आया. आरोपितों को फांसी मिली रहती, तो कलेजा ठंडा होता.
पांच लोगों की गवाही बनी सजा का कारण
हत्याकांड में कांड के सूचक भरोसा भगत, चश्मदीद जनार्दन प्रसाद, प्रभुनाथ प्रसाद, पहवारी प्रसाद, व रामकिशुन प्रसाद के बयान को कोर्ट ने गंभीरता से लिया और उनको सजा सुनायी. घटना के दौरान विनोद प्रसाद 35 वर्ष के थे, जबकि नागेंद्र प्रसाद 20 वर्ष, सच्चिदानंद प्रसाद 36 वर्ष, पारस भगत 35 वर्ष, प्रभुनाथ भगत 21 वर्ष के थे. जब कोर्ट का निर्णय आया तो इनका उम्र 65 से 70 वर्ष की हो गयी है. बुढ़ापे में जेल जाना पड़ा.
खेत में खाद डालने के दौरान हुआ था जानलेवा हमला
कुचायकोट थाना के खजूरी पूर्व टोला गांव में गणेश भगत खेत में खाद डलवा रहे थे. उसी दौरान पड़ोसी विनोद प्रसाद, नागेंद्र प्रसाद, सचिदानंद प्रसाद, पारस भगत व प्रभुनाथ भगत ने हमला कर दिया. घटना की सूचना पर दौड़कर बचाने गये भरोसा भगत व अन्य पर भी जानलेवा हमला किया गया. इसमें गणेश भगत, भरोसा प्रसाद समेत तीन लोग घायल हो गये. सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान गणेश भगत की मौत हो गयी. भरोसा भगत की तहरीर पर कांड दर्ज हुआ था.
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