मांझा. धोबवलिया थाना क्षेत्र के रामपुर जीवधर दानचक के छात्र सरताज आलम की हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. मृतक के बहनोई के भाई शाहनवाज अहमद ने दो अन्य साथियों शाहिद हुसैन उर्फ लंगड़ा और बरौली के रमजान मियां के साथ मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया.
17 सितंबर की शाम को अचानक घर से हो गया था गायब
एसडीपीओ टू, राजेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरताज आलम की बहन नाजनीन की शादी लगभग तीन साल पूर्व धोबवलिया गांव के नियाज अहमद से हुई थी. शादी के बाद सरताज अपनी बहन के साथ रहकर नजदीकी मदरसे में पढ़ाई करता था. 17 सितंबर की शाम को वह अचानक घर से गायब हो गया. 20 सितंबर को उसका शव संतपुर नहर में बरामद हुआ. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मृतक अपने बहन और बहनोई के बीच झगड़े में हमेशा बहन का पक्ष लेता था. इसी कारण आरोपितों ने उसे बहला-फुसला कर इ-रिक्शा से लोहजीरा नहर के पास ले जाकर गला दबाकर हत्या कर दी और शव नहर में फेंक दिया. एसडीपीओ ने बताया कि चार दिन बाद शव बरामद होने के बाद मामले का खुलासा संभव हो पाया. पुलिस अब मामले की गहन जांच में जुटी है और सभी आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी
हत्या के बाद आगजनी व प्रदर्शन में शामिल था आरोपित
इस हत्या की सूचना के बाद मृतक के परिजनों ने बड़हरिया–गोपालगंज पथ को जाम कर जमकर प्रदर्शन और आगजनी की थी. उसमें हत्या का आरोपित भी शामिल रहा. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान आरोपितों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में घटना की पूरी योजना स्वीकार की. सरताज हत्याकांड की जांच करने देर रात पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित पहुंचे. पुलिस कप्तान ने घटनास्थल की बारीकी से तफ्तीश की. आसपास के लोगों से पूछताछ की. उनकी जांच के बाद पुलिस ने तीनों को अरेस्ट कर लिया. गिरफ्तार लोगों ने अपनी अपराध को स्वीकार किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

