गोपालगंज. बिहार भारत का हृदय स्थल है. यहां से कई धर्मों का उभार हुआ है. यह बौद्ध और जैन धर्म की जन्मस्थली है. यहां सिख धर्म का भी विकास हुआ. सिख धर्मावलंबियों के अंतिम गुरु गुरु गोविंद सिंह का जन्म यहीं पटना साहिब में हुआ था.
उक्त बातें डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने आंबेडकर भवन में आयोजित बिहार दिवस के कार्यक्रम में कहीं. कार्यक्रम का उद्घाटन एमएलसी राजीव कुमार, बरौली विधायक रामप्रवेश सिंह, डीएम प्रशांत कुमार सीएच, डीडीसी कुमार निशांत विवेक, एडीएम आशीष कुमार सिन्हा, डीइओ योगेश कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. इसके बाद अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने बिहार के इतिहास तथा भविष्य की संभावनाओं पर अपने विचार रखे. डीएम ने कहा कि आज बिहार ने स्थापना के 112 वर्ष पूर्ण कर लिये हैं. यह दिन अपनी सांस्कृतिक विरासत को याद करने का है. इस दिन हमें अपने इतिहास से सीख लेनी चाहिए तथा अपने भविष्य को तय करना चाहिए. सरकार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. जीविका एक साइलेंट क्रांति के रूप में उभरकर बिहार की स्थिति में बड़ा बदलाव ला रही है. जीविका के 24 हजार समूहों से ढाई लाख जीविका दीदियां लाभान्वित हो रही हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य हो रहे हैं. जिला अस्पताल से लेकर अनुमंडलीय अस्पतालों तक की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. जिले के 3033 आंगनबाड़ी केंद्रों में 2.5 लाख लाभुकों को लाभ मिल रहा है, जिसमें गर्भवती महिलाएं व बच्चे शामिल हैं. मद्य निषेध के लिए भी बिहार ने एक नयी राह तय की है.शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव, 70 प्रतिशत से अधिक हुई साक्षरता दर
डीएम ने कहा कि बिहार सरकार का सबसे अधिक फोकस शिक्षा पर है. इस वित्तीय वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए सबसे अधिक बजट आवंटित किया गया है. शिक्षा के क्षेत्र के लिए छह हजार करोड़ का बजट जारी किया गया है. इस क्षेत्र में 15 हजार शिक्षक नियुक्त हुए, जिनमें 7.5 हजार टीआरइ से आये. जब बिहार राज्य की स्थापना हुई थी, तब यहां की साक्षरता दर मात्र 10 से 15 प्रतिशत थी. आज साक्षरता दर 70 प्रतिशत से अधिक हो गयी है. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बिहार में साइकिल योजना की शुरुआत की गयी, जिसका कई राज्यों ने अनुसरण किया. बिहार ने देश में नारी शिक्षा को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण कार्य किया है.हम सभी मिलकर संकल्प लें, तो बिहार बनेगा अग्रणी राज्य
डीएम ने कहा कि बिहार के विकास के क्षेत्र में काफी सकारात्मक कार्य हुए हैं. बिहार को पिछड़ा राज्य कहा जाता है. इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रशासन के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम जनता को मिलकर संकल्प लेना होगा कि बिहार को कैसे अग्रणी बनाया जाये. हम सभी के संकल्प से ही यह संभव होगा. इस अवसर पर विधान पार्षद व विधायक ने बिहार दिवस पर अपने विचार व्यक्त किये.लखराव का पेड़ा तथा छात्राओं का समोसा-पकौड़ी लुभाया
बिहार दिवस को लेकर आंबेडकर भवन में आयोजित कार्यक्रम में फूड स्टॉल लगाया गया था, जिसमें थावे के गौरीशंकर पिड़िकिया दुकान की ओर से पिड़िकिया का स्टॉल लगाया गया था. वहीं, लखरांव के पेड़ा का भी स्टॉल लगा था. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने समोसा, पकौड़ी तथा पेड़ा का स्टॉल लगाया था. कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद जब डीएम तथा अन्य अतिथि स्टॉल का निरीक्षण कर रहे थे, तो फूड स्टॉल पर आकर रुक गये और बच्चियों द्वारा बनाये गये समोसे और पकौड़ी का स्वाद लिया. छात्राओं ने अपने हाथ से समोसा, पकौड़ी और चटनी अतिथियों को परोसा. इस स्टॉल पर शिक्षिका सुधा गुप्ता के नेतृत्व में छात्रा प्रिया रानी, दीक्षा कुमारी, रिंकू कुमारी, शिवानी, कुमकुम, रानी आदि छात्राएं तथा रसोइया फूलकुमारी शामिल थीं. उधर, पिड़िकिया के स्टॉल पर आतिश कुमार तथा पेड़ा के स्टॉल पर टीमाल ठाकुर उपस्थित थे.शिक्षा विभाग की टीएलएम प्रदर्शनी रही आकर्षण का केंद्र
शिक्षा विभाग की ओर से टीएलएम प्रदर्शनी का स्टॉल लगाया गया था. बच्चों को कम संसाधनों में रोचक तरीके से कैसे पढ़ाया जाये, इसकी जानकारी शिक्षक दे रहे थे. जब डीएम अतिथियों के साथ स्टॉल पर पहुंचे तो शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सभी टीएलएम प्रदर्शनी को समझाया और बताया. इस पर डीएम काफी खुश हुए. डीइओ योगेश कुमार के नेतृत्व में शिक्षिका पुष्पा प्रसाद, शिक्षक लोकेश कुमार, अजीत राय, रविंद्र प्रसाद आदि मौजूद रहे.स्वास्थ्य विभाग ने किया टीकाकरण, हुआ हेल्थ चेकअप
स्वास्थ्य विभाग के स्टॉल पर शून्य से पांच वर्ष के बच्चों का टीकाकरण किया गया. साथ ही लोगों का हेल्थ चेकअप भी किया गया. स्टॉल पर डॉक्टरों के अलावा कुमारी किरण, किरण पाठक, पूजा कुमारी, मंजुला कुमारी आदि स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहीं. उधर आइसीडीएस के स्टॉल पर पोषण वाटिका का प्रदर्शन किया जा रहा था, जहां आंगनबाड़ी सेविकाओं ने पोषण पदार्थ का स्टॉल लगाया था. उसमें एक महिला को दुल्हन के वेश में बैठाया गया था, जिसे पोषण की जानकारी दी जा रही थी. इस स्टॉल पर आंगनबाड़ी सेविकाओं में अंशु वला, रेनू सिंह, पूरक सिंह, प्रमिला कुमारी, मंजू देवी, सुशीला देवी, रामावती देवी, कृष्णा देवी आदि मौजूद रहीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

