बरौली. ब्रह्म ही एकमात्र सत्य है, बाकी सब मिथ्या है, धरा पर मानव न कुछ लेकर आता है न कुछ लेकर जाता है. ये बात भड़कुइयां के सुप्रसिद्ध डाक बाबू के शिव मंदिर में चल रह सात दिवसीय श्री शिवपार्वती एवं श्री सीताराम विवाह महोत्सव में भक्तों को संबोधित करते हुए अयोध्या के सुग्रीव किला से पहुंचे विद्वान बाबा रामदासजी ने कही. उन्होंने आगे कहा कि इस संसार में केवल एक ही परम, शाश्वत और अपरिवर्तनशील वास्तविकता है, जिसे ब्रह्म या प्रभु कहते हैं. वही परम चेतना है, जो हमेशा अस्तित्व में रहती है. संसार मिथ्या है. इसका मतलब ये है कि संसार नाशवान, क्षणभंगुर और अस्थायी है. यह एक भ्रम अथवा माया की तरह प्रतीत होता है, जैसे स्वप्न में देखी गयी वस्तुएं जागने पर असत्य लगती हैं. संसार में जो कुछ भी हम देखते हैं, वह बदलता रहता है और अंततः समाप्त हो जाता है, मृत्यु संसार का सबसे बड़ा अटल सत्य है. इसलिए हमें अपनी गाड़ी, बंगला, धन-संपदा आदि पर घमंड नहीं करना चाहिए, ये सब नाशवान हैं. वास्तविक शांति और मुक्ति केवल प्रभु के नाम का स्मरण करने और उनकी भक्ति में ही संभव है. प्रभु का नाम या ब्रह्म का सत्य स्वरूप ही एकमात्र सार वस्तु है, जो जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति दिलाता है. इसलिए हम सबको चाहिए कि क्षणिक सांसारिक सुखों और मोह-माया में न फंसकर, अपने चित्त को प्रभु के चरणों में लगाना चाहिए और नाम जप करते हुए अपने वास्तविक, चैतन्य स्वरूप को पहचानना चाहिए. आयोजक और मंदिर के पुजारी बाल बैरागी महाराज ने बताया कि शिव मंदिर पर भक्तों के विशेष आग्रह पर उक्त महोत्सव का आयोजन किया गया तथा रात और दिन, दोनों समय प्रवचन व कथा का कार्यक्रम चल रहा है. यहां 24 घंटे भक्ति और मेले-सा माहौल बन गया है. कार्यक्रम काे सफल बनाने के लिए दर्जन शिवभक्त लगे हैं.
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