थावे. चनावे स्थित मंडल कारा के कई कैदियों की जिंदगी अब नयी दिशा में आगे बढ़ेगी. अपराध की अंधेरी गलियों से निकलकर वे अब स्वरोजगार की राह पकड़ेंगे. राज्य सरकार की पहल और गोपालगंज सेंट्रल बैंक के सहयोग से जेल में बंद कैदियों को मछली पालन का चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे रिहा होने के बाद आत्मनिर्भर जीवन जी सकें. जेल अधीक्षक सतेंद्र सिंह ने बताया कि इस विशेष प्रशिक्षण में कुल 43 बंदियों ने हिस्सा लिया, जिनमें 26 पुरुष और 17 महिला कैदी शामिल हैं. यह प्रशिक्षण पीएलएसी की तीन सदस्यीय टीम द्वारा दिया गया. इस दौरान कैदियों को मछली पालन के तकनीकी पहलुओं, तालाब प्रबंधन, बीज चयन, मछलियों के पोषण और बाजार में बिक्री से संबंधित व्यावहारिक जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण के दौरान जब अधिकारियों ने बंदियों से सीखी गयीं बातों के बारे में पूछताछ की, तो उनमें आत्मविश्वास और भविष्य को लेकर एक नयी उम्मीद दिखी. कई कैदियों ने कहा कि अब वे जेल से बाहर जाकर मछलीपालन शुरू करेंगे और समाज में एक सकारात्मक पहचान बनायेंगे.
कैदियों को मुख्यधारा से जोड़ने को नियमित चलेगा प्रशिक्षण
जेल अधीक्षक ने बताया कि यह पहल न केवल बंदियों के जीवन में बदलाव लाने का माध्यम है, बल्कि इससे वे समाज की मुख्यधारा से भी जुड़ सकेंगे. उन्होंने कहा कि जेल में अब नियमित रूप से इस तरह के स्वरोजगार उन्मुख प्रशिक्षण आयोजित किये जायेंगे ताकि कैदी रिहाई के बाद फिर से अपराध की दुनिया में न लौटें. इस मौके पर उपाधीक्षक रागिनी कुमारी, संजय कुमार शर्मा समेत कई जेलकर्मी भी मौजूद रहे.
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