बरौली. सोमवार को शहर के नेशनल कॉलेज के परिसर में आचार्य प्रशिक्षण की शुरुआत की गयी. यह प्रशिक्षण 10 दिनों तक चलेगा तथा यह प्रशिक्षण आवासीय है. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि और विदुषी सुंदरमाला कुमारी के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल प्रभाग गतिविधि प्रमुख मुंशीलाल यादव ने बताया कि भारत गांवों का देश है और हम तभी विकास कर सकेंगे, जब हमारे गांव विकसित होंगे. प्रशिक्षण में गांव का विकास कैसे हो, उस बिंदु पर उपस्थित 55 आचार्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस अभियान का नाम एकल अभियान दिया गया है क्योंकि एक गांव से एक व्यक्ति वह चाहे महिला हो या पुरुष, उसे प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें पंचमुखी शिक्षा के माध्यम से ग्रामीणों के विकास से संबंधित शिक्षा हमारे आचार्यों को दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद वे गांवों में जायेंगे तथा एक गांव में 30 बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा देने का काम करेंगे. पंचमुखी शिक्षा के बारे में संयोजक मिथिलेश तिवारी ने बताया कि इसमें खेल-कूद, शारीरिक प्रशिक्षण और योग जैसी गतिविधियां, बौद्धिक शिक्षा के तहत ज्ञान और विश्लेषणात्मक सोच को विकसित करने, कला-विषयक शिक्षा में संगीत, चित्रकला, नृत्य और अन्य कलाओं का प्रशिक्षण, नैतिक शिक्षा में अच्छे मूल्यों, चरित्र और धार्मिक सद्भाव का विकास तथा व्यावहारिक शिक्षा में सिलाई, क्राफ्ट, गृहस्थी के काम और सामूहिक श्रम जैसी व्यावहारिक और जीवनोपयोगी कौशल आदि सिखाये जाते हैं. प्रशिक्षक इन सबकी शिक्षा बच्चों को देंगे. प्रशिक्षण कार्यक्रम में दर्जनों सदस्य तथा नेशनल कॉलेज के कर्मी शामिल थे.
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