गोपालगंज : सदर प्रखंड के जादोपुर में झोला छाप डॉक्टर के यहां मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गयी. मौत के बाद नाराज परिजनों ने जम कर हंगामा किया. जादोपुर थाने का परिजनों ने घेराव किया. उधर, आरोपित डॉक्टर क्लिनिक छोड़ कर फरार हो गया.
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झोलाछाप डॉक्टर ने ली बच्चे की जान, फरार
गोपालगंज : सदर प्रखंड के जादोपुर में झोला छाप डॉक्टर के यहां मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गयी. मौत के बाद नाराज परिजनों ने जम कर हंगामा किया. जादोपुर थाने का परिजनों ने घेराव किया. उधर, आरोपित डॉक्टर क्लिनिक छोड़ कर फरार हो गया. नगर थाने के कररिया गांव के निवासी नंदकिशोर मुसहर […]
नगर थाने के कररिया गांव के निवासी नंदकिशोर मुसहर का पुत्र 10 वर्षीय संदीप कुमार एक सप्ताह से चेचक से पीड़ित था. शनिवार की रात अचानक पेट में दर्द हुआ. परिजन आनन-फानन में उसे लेकर जादोपुर स्थित डाॅ उपेंद्र सिंह के क्लिनिक पर पहुंचे. डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन देने के बाद उसकी मौत हो गयी. मौत के बाद परिजन जब थाना पहुंचे, तो वहां
झोला छाप डॉक्टर…
कोई अफसर नहीं था, जिसको लेकर परिजनों ने हंगामा कर थाने का घेराव किया. हालांकि, बाद में थानाध्यक्ष के पहुंचने पर मामला शांत हो गया. पुलिस ने इस मामले में पीड़ित परिजन के बयान पर आरोपित डॉक्टर के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का बयान दर्ज किया है. थानाध्यक्ष ने कहा कि मामले की जांच कर आरोपित के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है.
पुलिस ने रात में ही पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव : बच्चे की मौत के बाद पुलिस ने रात में ही कड़ी मशक्कत के बाद शव को अपने कब्जे में लिया. देर रात पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. लेकिन, रात होने के कारण डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम नहीं किया. रविवार की सुबह में मृत बच्चे का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद शव को दाह-संस्कार के लिए परिजनों को सौंपा गया.
मशानथाना गांव में माली से कराया था झाड़-फूंक : चेचक पीड़ित बच्चे का इलाज महादलित परिवार अंधविश्वास में आकर नहीं करा रहे थे. गांव में मेडिकल टीम भी नहीं पहुंच सकी थी. परिजनों ने अंधविश्वास में आकर जादोपुर थाना क्षेत्र के मशानथाना गांव में माली के घर झाड़-फूंक करायी थी. पिछले कई दिनों से झाड़-फूंक कराने के बाद शनिवार की रात हालत बिगड़ने पर डॉक्टर के पास ले गये.
फ्लैश बैक
पहले भी चेचक से हो चुकी है मौत
शहर के सरेया हनुमानगढ़ी मुहल्ले में चेचक से एक माह पहले भी मासूम की मौत हो चुकी है. झाड़-फूंक कराने के चक्कर में ही बच्चे की मौत हुई थी. मामले में स्वास्थ्य विभाग के एएनएम पर कार्रवाई भी की गयी थी. वहीं, कुचायकोट के कालामटिहनिया, विशंभरपुर, फुलवरिया सहित दो दर्जन गांवों चेचक से पीड़ित हुए थे.
जांच के बाद कार्रवाई
पूरे मामले की जांच करायी जा रही है. कररिया में पीड़ित बच्चे की मौत कैसे हुई, इसकी भी विभागीय स्तर पर जांच की जा रही है. झोला छाप डॉक्टरों पर भी कार्रवाई के लिए टीम गठित की गयी है.
डाॅ मधेश्वर प्रसाद शर्मा, सिविल सर्जन
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