गोपालगंज : बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे मंदिर को बौद्ध सर्किट से जोड़ कर अत्याधुनिक तरीके से विकसित करने की योजना पर होमवर्क चल रहा है. इस सर्किट से जुड़ने से विदेशी पर्यटकों की भीड़ थावे में होगी. थावे का इतिहास और मां भगवती के पौराणिक इतिहास को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है. पर्यटन विभाग के सचिव पंकज कुमार ने कहा कि मुख्य अभियंता के साथ थावे मंदिर पहुंच कर घंटों मंथन किया गया है कि मंदिर को किस तरह से विकसित किया जाये.
मंदिर को विकसित करने के लिए मुख्य अभियंता से डीपीआर तैयार कर मांगा गया है. नक्शा और डीपीआर मिलते ही यहां वर्क शुरू कर दिया जायेगा. मंदिर के परिसर में बनाये जा रहे परिक्रमा भवन पर बेहतर तरीके से काम किया जायेगा. फिलहाल यहां पर्यटन विभाग की तरफ से कराये जा रहे कार्य को क्यों रोका गया इस संबंध में जिला प्रशासन से बात की गयी है.
थावे में विंध्याचल की तरह हवन कुंड बनाने की मांग को लेकर पर्यटन सचिव ने आश्वस्त किया कि पर्यटन विभाग इसे अपनी डीपीआर में शामिल कर बनायेगा. थावे को और बेहतर बनाने के लिए जंगल की साफ-सफाई कर उसमें पर्यटकों के बैठने के लिए कुरसी आदि की व्यवस्था की जायेगी. इसमें जिला प्रशासन और जिले के जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग लिया जायेगा.