भोरे : स्वास्थ्य विभाग ने भोरे के 52 झोला छाप डॉक्टरों की सूची तैयार करायी थी. समय बीतता गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया. जिस समय कार्रवाई की शुरुआत की गयी थी, उस समय ऐसे डॉक्टर अपना अपना क्लिनिक बंद कर फरार हो गये थे. इसके बाद विभाग ने इस मामले को दबा दिया. वर्ष 2013 में स्वास्थ्य विभाग ने भोरे प्रखंड के 52 डॉक्टरों को चिह्नित किया था, जो बिना डिग्री के अवैध रूप से क्लिनिक चला रहे थे. सूची तैयार करने के बाद रेफरल अस्पताल भोरे के प्रभारी कार्रवाई सौंप दी गयी थी. कार्रवाई शुरू भी हुई, डॉक्टरों को नोटिस कर डिग्री विभाग के पास जमा करने का अल्टीमेटम भी दिया गया.
इस सूची में भोरे के लामीचौर, हुस्सेपुर, कल्याणपुर, खजुरहां, लालाछापर, सिसई, पाखोपाली, मथौली, डूमर नरेंद्र, महरादेऊर, कोरेयां एवं भोरे के डॉक्टर शामिल थे. जब विभाग का नोटिस ऐसे डॉक्टरों को मिला, तो उनमें खलबली मच गयी थी. डॉक्टरों ने बोर्ड उतार कर क्लिनिक बंद कर दिया था. कुछ ही दिनों के बाद उनका धंधा फिर चलने लगा. ऐसे डॉक्टरों ने एक नया तरीका इजाद किया, जिसमें बाहर रहनेवाले या फिर प्रैक्टिस नहीं करनेवाले डॉक्टरों का बोर्ड लगा कर क्लिनिक चलाने लगे.