गोपालगंज : जिले में प्रति माह आठ करोड़ रुपये की बिजली खपत होती है. इसके एवज में महज चार करोड़ रुपये ही बिजली कंपनी वसूल पाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बिजली सप्लाइ कर रही कंपनी इस घाटे को कब तक सहती रहेगी? वर्ष 2015 में अन्य वर्षों की अपेक्षा बिजली की उपलब्धता में सुधार हुआ है, लेकिन बिजली बिल जमा करने का अनुपात उपलब्धता की अपेक्षा कम है. प्रति माह औसतन चार करोड़ रुपये के घाटे में बिजली कंपनी है. आंकड़े बताते हैं कि जिले में बिजली बिल का बकाया 50 करोड़ रुपये से अधिक है. ऐसे में विद्युत कंपनी बिल वसूली को लेकर परेशान है.
गलत और असमय बिलिंग है मुख्य कारण : उपभोक्ताओं की मनमानी और लापरवाही के साथ-साथ समय से बिजली बिल का न आना जहां राजस्व वसूली का मुख्य कारण है, वहीं गलत बिल प्रपत्र भी बिजली विभाग की वसूली में बाधा डालता है. कई उपभोक्ता वैसे हैं, जो गलत बिजली प्रपत्र और समय से बिल नहीं मिलने केे कारण जमा नहीं कर रहे हैं.
बिल वसूली के लिए छेड़ी मुहिम : गोपालगंज. बिजली कंपनी इस माह 60 उपभोक्ताओं पर सर्टिफिकेट केस करेगी, वहीं 650 उपभोक्ताओं का कनेक्शन काटेगी. बकाया बिल की वसूली के लिए विद्युत कंपनी ने मुहिम चलायी है. इसके अंतर्गत अबतक 1660 लोगों के कनेक्शन काटे जा चुके हैं. विभाग का मानना है कि वैसे उपभोक्ता जिनका कनेक्शन काटा जा चुका है, तीन माह तक यदि बिल जमा नहीं करते हैं, तो उन पर सर्टिफिकेट केस होगा. ऐसे 60 लोगों को बिजली कंपनी ने जिले में चिह्नित किया है. विभाग के अनुसार बिजली बिल वसूली के लिए प्रखंड स्तर पर कंपनी मुहिम चला रखी है. 10 हजार से अधिक सभी बकायेदारों का कनेक्शन मार्च तक काट दिया जायेगा.