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कोरम के अभाव में लोकसभा का कामकाज रहा बाधित

कोरम के अभाव में लोकसभा का कामकाज रहा बाधितविपक्ष ने सत्ता पक्ष पर लापरवाही का लगाया आरोपअंजनी कुमार सिंहनयी दिल्ली : संसद के दोनों सदनों में सत्ता और विपक्ष के बीच गतिरोध के कारण तो सदन में कामकाज बाधित होता रहा है, लेकिन शुक्रवार को कोरम के अभाव में लोकसभा में एक-दो मिनट नहीं, 30 […]

कोरम के अभाव में लोकसभा का कामकाज रहा बाधितविपक्ष ने सत्ता पक्ष पर लापरवाही का लगाया आरोपअंजनी कुमार सिंहनयी दिल्ली : संसद के दोनों सदनों में सत्ता और विपक्ष के बीच गतिरोध के कारण तो सदन में कामकाज बाधित होता रहा है, लेकिन शुक्रवार को कोरम के अभाव में लोकसभा में एक-दो मिनट नहीं, 30 मिनट तक कामकाज बाधित रहा. कोरम की घंटी लगातार बजने और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा सांसदों को ढूढ़ने में लगभग 30 मिनट लग गये, तब जाकर कोरम पूरा हुआ और लोकसभा की कार्यवाही आरंभ हो सकी. भोजनावकाश के बाद अपराह्न 2:15 बजे में लोकसभा की बैठक निर्धारित थी, लेकिन तब सदन में बमुश्किल 15 से 20 सदस्य ही उपस्थित थे. इसलिए आसन(अध्यक्ष की कुरसी) पर कोई विराजमान नहीं हो सकें. कोरम की प्रतीक्षा में सत्ता और विपक्ष के सदस्य आपस में बात करते रहें. सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी सदस्यों को बाहर ढूंढ़ते रहें. केंद्रीय कक्ष में भी जब कोई सांसद नहीं मिलें, तो वह फिर से हाउस में पहुंच गये. विपक्षी सदस्यों ने चुटकी लेते हुए पूछा कि कोई मिला, तो उनका जबाव था कि सेंट्रल हॉल में भी कोई नहीं है. चूंकि 10 मिनट तक कोरम पूरा नहीं हो सका था, इसलिए 2:25 बजे पर उपाध्यक्ष के आदेश से सपोर्टिंग अधिकारी ने हाऊस को 2.45 तक स्थिगत होने की सूचना दी. इस सारे वाकये से विपक्षी नाराज दिख रहे थे. क्योंकि तब सदन में सत्ता पक्ष से ज्यादा विपक्ष के सदस्य मौजूद थे. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कोरम न पूरा होने को सरकार की लापरवाही बता रहे थे. क्योंकि सदन को 30 मिनट तक कोरम के अभाव में स्थिगत रखा गया था. इस बीच सांसदों को बुलाने के लिए कोरम की घंटियां लगातार बजती रही. चूंकि लोकसभा के संचालन के लिए कुल सदस्य संख्या का 10 फीसदी यानी 54 सांसदों की उपिस्थति अनिवार्य है, तभी कोरम को पूरा हुआ माना जाता है. यदि कोरम पूरा नहीं हुआ हो, तो अध्यक्ष का आसन खाली रहता है. 2:30 बजे के बाद सदस्यों का हाउस के अंदर आना शुरू हुआ, उसके बाद 2:45 बजे में सदन की कार्यवाही आरंभ हो सकी. सत्ता पक्ष की ओर से शुक्रवार का दिन होना तथा स्वास्थ्य शिविर जांच केंद्र में सांसदों के जाने की बात कहते हुए सुनी गयी, वहीं विपक्ष की ओर से सदन को चलाने में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया. 2:45 बजे विपक्ष इस मुद्दे को उठाना चाह रहे थे, लेकिन आसान ने उनकी ओर ध्यान दिये बिना कामकाज को जारी रखा. राज्यसभा में भी अपराह्न में कोरम का अभाव दिखा, लेकिन तीन मिनट के अंदर ही उसे पूरा कर लिया गया, जबकि लोकसभा में 30 मिनट लग गये.

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