मंत्री से लेकर अधिकारियों तक की जा रही पैरवीअंतरराष्ट्रीय कलाकारों से की जा रही तुलना जिले के कलाकारों का नहीं हो सका चयनसंवाददाता, गोपालगंजथावे महोत्सव में मैं भी हूं कलाकार की होड़ मची हुई है. अंतरराष्ट्रीय कलाकारों से अपनी तुलना कर पहुंच और पैरवी की जा रही है. स्थानीय कलाकारों के लिए 28 मार्च को महज एक घंटा तथा 29 मार्च को डेढ़ घंटे का वक्त प्रशासन ने निर्धारित किया है, जिसमें चार ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने बिहार दिवस में बेहतर कर थावे महोत्सव में अपनी जगह बनायी है. अन्य कलाकार पर्यटन मंत्री से लेकर जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों तक पैरवी भिड़ा रहे हैं. स्थानीय कलाकारों के चयन को लेकर कमेटी की तरफ से बैठक भी की गयी, जिसमें अपर समाहर्ता जय नारायण झा ने सभी सदस्यों के साथ कलाकारों की चयन प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया. इसमें राकेश रंजन विमलेश को अधिकृत किया गया कि अपने म्यूजिक सिस्टम पर ही कलाकारों को रियाज कराएं. बैठक में चयन समिति के सदस्य रंगकर्मी विपिन बिहारी श्रीवास्तव, प्राइवेट स्कूल यूनियन के सचिव विपिन बिहारी श्रीवास्तव, राजू भाई, सुनील दूबे आदि मौजूद थे. इस बार बजट की राशि नहीं मिलने के कारण स्थानीय कलाकारों को भुगतान को लेकर भी प्रशासन उलझा हुआ है. कमेटी कलाकारों के चयन में कोई कमी छोड़ना नहीं चाहती. ऐसे में प्रशासन के द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दूर रहनेवाले लोग भी अपने को कलाकार बताने में पीछे नहीं रह रहे हैं.
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थावे महोत्सव : मैं भी कलाकार हूं
मंत्री से लेकर अधिकारियों तक की जा रही पैरवीअंतरराष्ट्रीय कलाकारों से की जा रही तुलना जिले के कलाकारों का नहीं हो सका चयनसंवाददाता, गोपालगंजथावे महोत्सव में मैं भी हूं कलाकार की होड़ मची हुई है. अंतरराष्ट्रीय कलाकारों से अपनी तुलना कर पहुंच और पैरवी की जा रही है. स्थानीय कलाकारों के लिए 28 मार्च को […]
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