मकर संक्रांति को घी और कंबल का दान करने से मिलता है मोक्ष
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49 वर्षों के बाद 14 जनवरी की रात 8.18 बजे मकर में प्रवेश करेगा सूर्य
मकर संक्रांति को घी और कंबल का दान करने से मिलता है मोक्ष गोपालगंज : स्नान व दान का मकर संक्रांति का विशेष पुण्यकाल 49 वर्षों के बाद इस बार 14 जनवरी की रात आठ बजकर आठ मिनट से होगा, जो अगले दिन 15 जनवरी को दिन के 12 बजे तक रहेगा. 1969 में भी […]
गोपालगंज : स्नान व दान का मकर संक्रांति का विशेष पुण्यकाल 49 वर्षों के बाद इस बार 14 जनवरी की रात आठ बजकर आठ मिनट से होगा, जो अगले दिन 15 जनवरी को दिन के 12 बजे तक रहेगा. 1969 में भी मकर के सूर्य रात 8.12 बजे हुए थे. इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनेगी. इसलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक कार्यों का खास महत्व है. ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर फिर मिल जाता है. इस दिन शुद्ध घी और कंबल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है. गंगा स्नान का विशेष महत्व है.
मकर संक्रांति के मौके पर ब्राह्मणों को दान करने की परंपरा सनातन काल से रही है. ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित राजेश्वरी मिश्र की माने तो इस बार रवि की रात में सूर्य के मकर में होने के कारण किसानों के लिए बेहतर लाभ देने वाला होगा. हालांकि, हर क्षेत्र में समृद्धि देने वाला होगा. इस दिन खिचड़ी चढ़ाने और दान करने का विशेष फल है.
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