आदेश. सीबीएसई ने निजी स्कूल संचालकों को जारी किया नया सर्कुलर
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बसों में लगेंगे कैमरे, होंगी महिला अटेंडेंट
आदेश. सीबीएसई ने निजी स्कूल संचालकों को जारी किया नया सर्कुलर सभी स्कूलों को करना होगा नियम का पालन जीपीएस-कैमरा नहीं, तो लगेगा जुर्माना गोपालगंज : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. यह गाइडलाइन सीबीएसई के सभी स्कूलों में लागू होगी. इसके […]
सभी स्कूलों को करना होगा नियम का पालन
जीपीएस-कैमरा नहीं, तो लगेगा जुर्माना
गोपालगंज : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. यह गाइडलाइन सीबीएसई के सभी स्कूलों में लागू होगी. इसके तहत स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ गार्ड रखने को भी कहा गया है. सर्कुलर में सभी सीबीएसई व केंद्रीय विद्यालयों के प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों से स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे के साथ प्रत्येक बस में एक महिला अटेंडेंट की मौजूदगी में ही बच्चों को स्कूल लाने और घर पहुंचाने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही नये नियमों में बस में किसी एक स्थान पर ड्राइवर का नाम, लाइसेंस नंबर, बस का रजिस्ट्रेशन नंबर, हेल्पलाइन नंबर व स्कूल का नंबर लिखा जाये,
जिसे सामान्य तौर पर पढ़ा जा सके. सीबीएसई ने सभी विद्यालयों से अपने स्कूल की बसों को निर्धारित मानकों में लाने के निर्देश दिये हैं. अगर किसी भी दशा में कोई बस नियम के विपरीत मिली, तो स्कूल प्रबंधक व प्रधानाचार्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की करने की हिदायत दी गयी है.
सभी बसों में जीपीएस सिस्टम जरूरी : नये नियम के तहत सभी स्कूली बसों का जीपीएस सिस्टम से लैस होना जरूरी है जिससे स्कूल को बस के संबंध में पल-पल की जानकारी मिल सके. इसी जीपीएस सिस्टम के माध्यम से बस का सीसीटीवी कैमरा भी स्कूल के कंट्रोल रूम से जोड़ा जायेगा, जिससे विद्यालय प्रशासन कभी भी किसी बस के अंदर की गतिविधियों को स्कूल में बैठ कर देख सके.
स्पीड गवर्नर के साथ लगाएं सायरन-अलार्म : सीबीएसई ने सभी बसों में स्पीड गवर्नर अनिवार्य रूप से लगाने और इसे 40 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर सेट करने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही स्कूल बस में सायरन अलार्म भी लगाये जाएं जिससे किसी भी इमरजेंसी में बस में सवार बच्चे सायरन अलार्म का बटन दबा कर महिला अटेंडेंट व ट्रांसपोर्ट मैनेजर को अलर्ट कर सकें.
बसों में हो विशेष तरह की सुरक्षित सीटें : स्कूल बसों की सीटें भी सुरक्षित करने के निर्देश सीबीएसई ने दिये हैं और कहा है कि बसों की सीटें फायर प्रूफ होनी चाहिए. इसके साथ ही एक बस में कम-से-कम दो अग्निशमन यंत्र रखे जाएं. बस स्टाफ को इसका प्रशिक्षण भी दिया जाये.
शहर में निजी स्कूलों की बसें
मीरगंज, हथुआ, कुचायकोट, बरौली, मांझा जादोपुर तक जाकर बच्चों को लाने-ले जाने का काम करती हैं. शहर में संचालित निजी स्कूलों की कुल 90 से अधिक स्कूल बसें चलती हैं. वर्तमान में इनमें से किसी में भी न तो कैमरे हैं और न ही जीपीएस. अब नये आदेश के बाद बसों में महिला अटेंडेंट और गार्ड भी रखना होगा. इसका सीधा फायदा स्कूल बसों से आनेवाले विद्यार्थियों को मिलेगा.
बसों में स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर लिखना जरूरी.
बसों का उपयोग स्कूली गतिविधियों व परिवहन के लिए न हो.
बस पर पीला रंग हो जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम.
चालक को न्यूनतम पांच वर्षों का अनुभव होना चाहिए.
बसों में जीपीएस डिवाइस लगाना जरूरी.
अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था हो.
बस में लेडी अटेंडेंट भी होना चाहिए.
ड्राइवर व कंडक्टर के नाम व मोबाइल नंबर लिखा हो.
बस के अंदर सीसीटीवी होना चाहिए, इमरजेंसी गेट भी हो.
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